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Thursday, April 24, 2025
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सत्तू से नहीं बढ़ता वजन… गर्मियों के इस सुपरफूड से जुड़ी ये बातें नहीं जानते होंगे आप


सत्तू से नहीं बढ़ता वजन... गर्मियों के इस सुपरफूड से जुड़ी ये बातें नहीं जानते होंगे आप

सत्तूImage Credit source: Getty

गर्मियों का मौसम आते ही शरीर में पानी की कमी, थकान और गर्मी से जुड़ी कई दिक्कतें होने लगती हैं. ऐसे में अगर कोई ऐसा देसी सुपरफूड हो जो न सिर्फ शरीर को ठंडक दे, बल्कि एनर्जी से भी भर दे तो वो किसी वरदान से कम नहीं होगा. सत्तू एक ऐसा ही ट्रेडिशनल भारतीय सुपरफूड है, जिसे कई पीढ़ियों से लोग गर्मी में खाते और पीते आ रहे हैं. चाहे गर्मी से राहत चाहिए हो, पाचन सुधारना हो, या वजन कंट्रोल करना हो. सत्तू हर तरीके से असरदार है.

खास बात ये है कि इसका सेवन सस्ता, आसान और सुपरहेल्दी होता है. लेकिन आज की जेनरेशन में बहुत से लोग सत्तू के बारे में कुछ बातें नहीं जानते हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको सत्तू के बारे में जानेंगे कुछ जरूरी बातें और इससे जुड़े कुछ सवालों के जवाब.

सत्तू क्या है और किससे बनता है?

सत्तू एक पाउडर फॉर्म में मिलने वाला ट्रेडिशनल फूड भोजन है, जिसे आमतौर पर भुने हुए अनाज या दालों को पीसकर बनाया जाता है. ये स्वादिष्ट, आसानी से पचने वाला और एनर्जी से भरपूर होता है. सत्तू कई प्रकार के होते हैं. जैसे चना सत्तू, जौ का सत्तू, गेहूं का सत्तू और मिक्स सत्तू. लेकिन सबसे ज्यादा पॉपुलर सत्तू चना का होता है. इसे भुने हुए देसी चने को पीसकर बनाया जाता है. ये सबसे आम और पोषक से भरपूर होता है.

सत्तू खाने से वजन क्यों नहीं बढ़ता?

सत्तू में फाइबर और प्रोटीन भरपूर होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. इससे बार-बार भूख नहीं लगती और ओवरईटिंग पर कंट्रोल रहता है. साथ ही इसमें फैट बहुत कम होता है, इसलिए ये शरीर में एक्स्ट्रा चर्बी नहीं बनाता. यही वजह है कि सत्तू खाने से वजन बढ़ता नहीं, बल्कि वजन कम करने में मदद मिलती है.

सत्तू की तासीर कैसी होती है?

सत्तू की तासीर ठंडी मानी जाती है. इसलिए गर्मियों में इसका सेवन शरीर को ठंडा रखने और हीट स्ट्रोक (लू) से बचाने में बहुत असरदार होता है. अगर आपके शरीर में पानी की कमी, जलन या गर्मी से थकान महसूस हो तो सत्तू एकदम रामबाण उपाय है.

सत्तू का सेवन सबसे ज्यादा कहां किया जाता है?

सत्तू खासतौर पर सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में खाया जाता है. ग्रामीण इलाकों में इसे गरीबों का प्रोटीन कहा जाता है, क्योंकि ये सस्ता, पौष्टिक और पेट भरने वाला होता है. अब ये शहरी डाइट में भी शामिल किया जाने लगा है. खासकर हेल्थ कॉन्शियस लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं.

सत्तू के क्या फायदे हैं?

जैसा की हमने बताया कि सत्तू की तासीर ठंडी होती है इसलिए गर्मियों में इसे शरीर को ठंडा रखने के लिए पीते हैं. साथ ही ये हीट स्ट्रोक से भी बचाव में मदद करता है. ये पाचन को भी दुरुस्त करने में मदद करता है, जिससे गैस, अपच और कब्ज से की शिकायतों से राहत मिलती है. गर्मियों में होनी वाली थकान को दूर करने के लिए भी सत्तू एक एनर्जी ड्रिंक की तरह काम करता है. साथ ही डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. कम कैलोरी होने की वजह से ये वजन को भी कंट्रोल रखता है.

सत्तू में कौन से पोषक तत्व होते हैं?

सत्तू में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये शरीर को एनर्जी देते हैं और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं. साथ ही इसमें कार्बोहाइड्रेट और विटामिन B कॉम्प्लेक्स भी काफी अच्छा होता है. कुल मिलाकर कहें तो ये पोषण का पावरहाउस है, खासकर वेजिटेरियन लोगों के लिए.





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