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Thursday, April 24, 2025
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यूक्रेन का क्या करना है? अमेरिका नहीं, इस मुस्लिम नेता की बात मानेंगे पुतिन


यूक्रेन का क्या करना है? अमेरिका नहीं, इस मुस्लिम नेता की बात मानेंगे पुतिन

यूक्रेन मुद्दे पर रूस-कतर के बीच होगी बातचीत

रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से भी ज्यादा समय से जारी जंग में अब एक नया मोड़ आ सकता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच सुलह करवाने की कोशिश की थी मगर कुछ खास नहीं निकला. तो इस बार यूक्रेन रूस में सुलह की बात अमेरिका नहीं, बल्कि खाड़ी देश क़तर का एक ताकतवर मुस्लिम नेता करेगा.

ये नेता हैं कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की गुरुवार को मॉस्को में मुलाकात होगी. क्रेमलिन ने दोनों नेताओं की बातचीत के बारे में जानकारी साझा कर दी है. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में यूक्रेन जंग को खत्म करने के रास्तों पर गंभीर बातचीत होगी.

बातचीत में यूक्रेन रहेगा टॉप एजेंडे पर

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि पुतिन और क़तर के अमीर के बीच यूक्रेन संकट पर खुलकर बातचीत होगी. साथ ही पश्चिम एशिया यानी मिडिल ईस्ट की उथल-पुथल पर भी विचारों का आदान-प्रदान होगा. पेस्कोव ने साथ में ये भी कहा है कि कहा, “पूरा क्षेत्र टकराव की संभावना से भरा हुआ है और क़तर कई मामलों को सुलझाने में बड़ी और अहम भूमिका निभा रहा है.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों नेताओं के बीच संवेदनशील मुद्दों पर गोपनीय बातचीत होगी.

मध्यस्थता की कोशिशें पहले भी कर चुका है क़तर

क़तर इससे पहले भी रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की कोशिशें करता रहा है. युद्ध के दौरान दोनों देशों से बिछड़े बच्चों की वतन वापसी में क़तर ने अहम भूमिका निभाई थी. इस मुलाकात से पहले ही दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्तों को लेकर भी पॉजिटिव संकेत दिए गए हैं. पेस्कोव ने कहा, “हम क़तर के साथ व्यापार और आर्थिक सहयोग के मौजूदा स्तर की सराहना करते हैं.”

क्या अमेरिका को किनारे करेगा रूस?

इस मुलाकात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या रूस अब यूक्रेन मसले पर अमेरिका और यूरोप को दरकिनार कर क़तर जैसे भरोसेमंद और न्यूट्रल देशों की मदद से हल तलाशेगा. फिलहाल, सभी की निगाहें इस अहम मुलाकात पर टिकी हैं. क्या क़तर की मध्यस्थता से कोई ठोस रास्ता निकलेगा या ये भी एक कूटनीतिक औपचारिकता बनकर रह जाएगा इसका जवाब आने वाले दिनों में मिल सकता है,





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