
प्रेग्नेंसी (AI तस्वीर)
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गर्भावस्था में महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके कारण कई बार उन्हें कुछ परेशानियां होती हैं. इस दौरान महिलाओं को कुछ समय के लिए डायबिटीज की समस्या भी हो सकती है. इसके साथ ही एंग्जाइटी और डिप्रेशन भी हो सकता है. इसके अलावा कुछ महिलाओं को गर्भावस्था में टीबी जैसा गंभीर रोग भी हो सकता है.
गर्भावस्था के दौरान टीबी होने के वैसे तो कई कारण होते हैं. लेकिन, अधिकांश तौर पर ऐसा तब होता है जब महिलाएं गर्भावस्था के दौरान टीबी के संक्रमण वाले क्षेत्र में रहती हैं. इसके अलावा किसी टीबी मरीज के संपर्क में आने पर भी टीबी संक्रमण हो सकता है. कई बार महिलाओं को गर्भ में टीबी का संक्रमण हो जाता है, जिसके कारण टीबी की चपेट में आने की आशंका रहती है. कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इसका एक कारण हो सकता है. गर्भावस्था में महिलाओं को टीबी से बचाव करना चाहिए.
क्या होता है प्रभाव
गर्भावस्था में टीबी संक्रमण होने पर जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा होता है. इसके कारण दोनों की जान को भी खतरा होता है. गर्भावस्था में टीबी का इलाज मुश्किल होता है, लेकिन जरूरी भी है. टीबी संक्रमण होने से प्रसव के दौरान जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है. जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है और उसके टीबी संक्रमित होने की आशंका भी रहती है. गर्भावस्था में टीबी संक्रमण होना मां के स्वास्थ्य के लिए घातक होता है.
ये हो सकते हैं लक्षण
गर्भावस्था में टीबी होने पर कुछ सामान्य लक्षण ही उभरते हैं. इसमें सांस लेने में परेशानी और खांसी की परेशानी होती है. इसके अलावा रात में पसीना आने के साथ ही सीने में दर्द का भी अनुभव होता है. गर्भावस्था में टीबी होने पर भूख लगने के साथ ही ठंड लगने का आभास भी हो सकता है. इसके साथ ही टीबी होने पर वजन तेजी से घटने लगता है जरूरत से ज्यादा थकान भी महसूस होती है.
ऐसे करें बचाव
गर्भावस्था के दौरान टीबी संक्रमण वाले क्षेत्र में जाने से बचें. यदि किसी टीबी मरीज से मिलना जरूरी हो तब मास्क लगाकर मिले और उचित दूरी बनाए रखें. इसके साथ ही टीबी की जांच भी करवाएं. अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखें और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें.