दिल्ली का वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन गया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चेतावनी दी है कि दिल्ली में तीन दिन रहने पर किसी को न किसी प्रकार का संक्रमण हो सकता है. कई रिपोर्टों से पता चलता है कि दिल्ली का प्रदूषण लोगों की औसत आयु को 10 साल तक कम कर रहा है. आईआईटी कानपुर की एक रिपोर्ट के अनुसार, सड़क की धूल प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत (38%) है, इसके बाद वाहनों के धुएं (20%), फैक्ट्रियों (11%), निर्माण कार्य (10%), कचरा जलाना (9%) और घरेलू ईंधन (8%) का योगदान है. प्रदूषण से हर साल 12,000 से अधिक लोगों की मौत हो रही है. अमेरिका की स्टेट ऑफ़ ग्लोबल एयर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण से हर साल 21 लाख लोगों की मृत्यु होती है. एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में लोगों की आयु वायु प्रदूषण के कारण प्रति वर्ष 11 साल 9 महीने कम हो रही है. यह एक गंभीर स्थिति है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.