
मुर्शिदाबाद हिंसा
वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में जमकर हिंसा भड़की, जिसमें 3 लोगों की मौत वहीं सैकड़ों लोग घायल हो गए. हिंसा को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा बल को तैनात किया गया है. इसके साथ ही हिंसा वाले इलाके में कड़ा पहरा है. वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी लगातार बंगाल सरकार पर निशाना साध रही है. इस बीच पार्टी के सांसद सौमित्र खान ने मांग की है कि गृह मामलों की स्टैंडिंग कमेटी पश्चिम बंगाल का दौरा करे.
सौमित्र खान ने गृह मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष डा. राधा मोहन दास अग्रवाल को पत्र लिखा है कि समिति जल्दी ही जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए राज्य का दौरा करे. उन्होंने पत्र में लिखा ‘मैं पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से उभरी हाल की गंभीर चिंताओं, विशेष रूप से स्थानीय हिंदू समुदाय को प्रभावित करने वाली चिंताओं के संबंध में आपका ध्यान आकर्षित करने और कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं’.
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‘प्रतिनिधिमंडल करे हालात की समीक्षा’
सांसद ने कहा कि क्षेत्र में बचे लोगों की ओर से प्राप्त परेशान करने वाली रिपोर्टों और आरोपों के बारे में स्थायी समिति जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए तत्काल दौरा करे. उन्होंने कहा कि समिति का एक प्रतिनिधिमंडल समीक्षा करने के लिए मुर्शिदाबाद जाए ताकि वहां की वास्तविकता का पता लगाया जा सके. उन्होंने कहा कि समिति को राज्य के पुलिस महानिदेशक और मुर्शिदाबाद के एसपी को भी बुलाना चाहिए ताकि अब तक की गई छानबीन के बारे में विस्तृत रिपोर्ट ली जा सके.
‘बार बार हिंदुओं पर अत्याचार क्यों हो रहा है…’
खान ने कहा कि राज्य पुलिस से पूछा जाए कि प्रदेश में बार बार हिंदुओं पर अत्याचार क्यों हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह के दौरे से दावों के पीछे की सच्चाई का पता लगाने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि न्याय और पारदर्शिता बरकरार रहे. उन्होंने कहा ‘
इस मामले में आपकानेतृत्व कानून के शासन में विश्वास बहाल करने और प्रभावित नागरिकों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में मदद करेगा.
मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा की जांच में जुटी एजेंसियां
वहीं मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा को लेकर एजेंसियां जांच में जुट गई हैं. एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो इस हिंसा की प्लानिंग लंबे समय से की जा रही थी. पिछले 3 महीनों से इलाके के लोग इस घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. इसके लिए विदेशों से फंडिंग की गई थी. जिले में वक्फ कानून के विरोध में 10 अप्रैल से हिंसा जारी है. यहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के करीब 300 जवान तैनात हैं और केंद्र ने व्यवस्था बहाल करने में मदद के लिए केंद्रीय बलों की पांच अतिरिक्त कंपनियां भी तैनात की हैं.