केन्या खतरनाक अंग तस्करी के जाल में फंसता जा रहा है. कोरोना महामारी के बाद बढ़ती बेरोजगारी ने लोगों को आर्थिक संकट में धकेल दिया है. इसका फायदा उठाते हुए, एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह गरीब नौजवानों से उनकी किडनी खरीद रहा है और इजराइल, जर्मनी जैसे देशों में अमीर मरीजो को बेच रहा है. मेडीहिल अस्पताल, पश्चिमी केन्या में, इस धंधे का केंद्र बन गया है. डोनर और रिसीवर के बीच कोई असली रिश्ता नहीं होता, पर कागजो में रिश्तेदारी दिखाई जाती है. नौजवानों को कम पैसे दिए जाते हैं और ऑपरेशन के जोखिमों की जानकारी नहीं दी जाती. स्वास्थ्य मंत्रालय की जांच में भी इस तस्करी की पुष्टि हुई, पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई. ये अंग तस्करी न केवल नौजवानों के जीवन को खतरे में डालती है, बल्कि मानवता के लिए भी एक गंभीर चुनौती है.