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Thursday, April 24, 2025
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क्या सोना होगा 1 लाख के पार, कमाई के लिए आपके पास ये हैं ऑप्शन्स


क्या सोना होगा 1 लाख के पार, कमाई के लिए आपके पास ये हैं ऑप्शन्स

गोल्ड ईटीएफ

सोना है सदा के लिए, सोने पर सुहागा जैसी कहावत सोने के इंपोर्टेंस को हमेशा से बताती रही है. इसी का असर है कि भारत ही नहीं दुनियाभर में सोने की डिमांड बनी रहती है और इसी का नतीजा है कि राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत 96450 रुपए पर पहुंच गई.

सोने की बढ़ती हुई कीमत और डिमांड का ही नतीजा है कि देश में अब फिजिकल गोल्ड में निवेश की जगह सरकार ने गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड फंड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) और डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के विकल्प दिए हुए हैं. अगर आप केवल अच्छे रिटर्न के लिए सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आपको लिए गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड फंड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) और डिजिटल गोल्ड बेस्ट ऑप्शन हैं. इनके बारे में हम यहां आपको विस्तार से बता रहे हैं.

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)

एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है. इसमें निवेशक इलेक्ट्रॉनिक रूप में 99.5% या अधिक शुद्धता वाले सोने में निवेश करते हैं. इसमें डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है और इसे शेयर की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है. यह सुरक्षित और तरल विकल्प है, लेकिन इसके लिए ब्रोकर चार्ज और एक्सचेंज शुल्क देना पड़ सकता है.

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गोल्ड फंड (Gold Mutual Fund)

गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड होते हैं. इन्हें डीमैट अकाउंट के बिना भी खरीदा जा सकता है और SIP के माध्यम से भी निवेश संभव है. हालांकि इनका एक्सपेंस रेशियो थोड़ा अधिक होता है और ट्रेडिंग रियल टाइम में नहीं होती.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

भारत सरकार द्वारा RBI के माध्यम से जारी किए जाते हैं. इसमें 1 ग्राम से लेकर कई ग्राम तक निवेश किया जा सकता है. SGB में 8 वर्षों की अवधि होती है और सालाना 2.5% ब्याज भी मिलता है. मैच्योरिटी पर पूंजीगत लाभ पर टैक्स नहीं लगता, जो इसे एक आकर्षक विकल्प बनाता है. हालांकि, यह विकल्प लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अधिक उपयुक्त है.

डिजिटल गोल्ड

डिजिटल गोल्ड एक नया और सुविधाजनक तरीका है जिसमें आप 1 रुपए से भी सोना खरीद सकते हैं. यह सोना कंपनियों द्वारा सुरक्षित वॉल्ट में रखा जाता है और आवश्यकता होने पर इसे फिजिकल रूप में मंगवाया भी जा सकता है. हालांकि, यह सेबी या आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड नहीं है, जिससे जोखिम थोड़ा बढ़ जाता है.





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