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Friday, April 25, 2025
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इंडियन पैसा लीग है ये आईपीएल, दिन पर दिन ऐसे बढ़ रही IPL की ब्रांड वैल्यू


इंडियन पैसा लीग है ये आईपीएल, दिन पर दिन ऐसे बढ़ रही IPL की ब्रांड वैल्यू

इंडियन पैसा लीग है आईपीएल, दिन पर दिन ऐसे बढ़ रही IPL की ब्रांड वैल्यू

Game or Business:इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) आज केवल एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं है, बल्कि एक ग्लोबल ब्रांड और पैसा छापने की मशीन बन चुका है. साल 2008 में शुरुआत हुई थी क्रिकेट को नए अंदाज़ में पेश करने की. लेकिन अब, IPL एक ऐसा बिज़नेस मॉडल बन गया है जो हर साल अरबों रुपये की कमाई करता है और 2025 तक इसकी ब्रांड वैल्यू 7000 करोड़ से भी ज़्यादा होने की उम्मीद है. आइए जानते हैं इसकी ब्रांड वैल्यू कैसे दिन पर दिन बढ़ रही है और कहां से इसमें पैसा बरस रहा है?

कैसे बढ़ रही ब्रांड वैल्यू?

आईपीएल की ब्रांड वैल्यू बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान विज्ञापन का है. 2025 में टीवी, डिजिटल प्लेटफॉर्म, टीम स्पॉन्सरशिप और मैदान पर विज्ञापन से लगभग 6,000-7,000 करोड़ रुपये का आईपीएल में विज्ञापन राजस्व जेनेरेट होने की उम्मीद है. आईपीएल की पॉपुलैरिटी बढ़ने से कई इंटरनेशनल ब्रांड भारत में अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए जियोस्टार के क्रिकेट टेलीकास्ट और डिजिटल प्लेटफॉर्मों में मोटा निवेश कर रहे हैं.

इसके अलावा रियल एस्टेट कंपनी डनूबे प्रॉपर्टीज और परफ्यूम ब्रांड लट्टाफा परफ्यूम्स जैसे बड़े नाम भी आईपीएल में विज्ञापन देने वालों की लिस्ट में शामिल हैं. डनूबे प्रॉपर्टीज स्टार स्पोर्ट्स पर ‘को-पावर्ड बाय’ स्पॉन्सर बनी है, जबकि लट्टाफा परफ्यूम्स जियोस्टार के क्रिकेट कवरेज पर विज्ञापन दिखाने वाला पहला ग्लोबल रिटेल ब्रांड है.

रियल एस्टेट कंपनी डनूबे प्रॉपर्टीज आईपीएल के जरिए एनआरआई निवेशकों को टारगेट कर रही है. कंपनी के मुताबिक उनकी ये पार्टनरशिप दुबई में रियल एस्टेट में इंटरेस्ट बढ़ाने में मदद कर रही है.

कैसे IPL बना पैसा कमाने की मशीन?

मीडिया राइट्स का बूम

IPL की सबसे बड़ी कमाई का ज़रिया है उसके ब्रॉडकास्टिंग राइट्स. स्टार स्पोर्ट्स और अब Viacom18 जैसे बड़े मीडिया हाउस इसके टीवी और डिजिटल राइट्स के लिए हजारों करोड़ खर्च करते हैं. 2023-2027 के बीच के लिए मीडिया राइट्स डील लगभग ₹48,390 करोड़ में हुई थी. मतलब हर मैच की कीमत करोड़ों में!

स्पॉन्सरशिप और ब्रांडिंग

IPL में हर टीम के पास ढेरों स्पॉन्सर्स होते हैं—जैसे जर्सी स्पॉन्सर, ऑफिशियल ड्रिंक, डिजिटल पार्टनर आदि. BCCI को टाइटल स्पॉन्सर से भी बड़ी रकम मिलती है. Tata जैसे ब्रांड्स करोड़ों खर्च कर रहे हैं सिर्फ नाम से जुड़ने के लिए.

टीम्स की वैल्यू

फ्रेंचाइज़ी टीमें जैसे मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स आज हज़ारों करोड़ की वैल्यू की कंपनियां बन चुकी हैं. कुछ टीम्स के मालिक बॉलीवुड से हैं तो कुछ बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट. IPL में टीम खरीदना अब एक स्मार्ट निवेश बन गया है. CSK, MI, RCB और KKR जैसी चार टीमों की ब्रांड वैल्यू 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा हो गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, IPL 2025 के पहले 13 मैचों में कमर्शियल विज्ञापनों की मात्रा में 12% की बढ़ोतरी हुई है. एडवर्टिजमेंट कैटेगरी में 13% की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें 50 से ज्यादा कैटेगरी और 31% विज्ञापनदाताओं की बढ़ोतरी हुई है.

टिकट सेल्स और मर्चेंडाइज

हर मैच में लाखों फैंस स्टेडियम में आते हैं और टिकट खरीदते हैं. इसके अलावा टीम्स अपने मर्चेंडाइज जैसे टी-शर्ट, कैप्स, जर्सी आदि बेचकर भी भारी कमाई करती हैं.

ग्लोबल अपील

IPL सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में देखा जाता है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अमेरिका जैसे देशों में भी IPL की जबरदस्त फैन फॉलोइंग है. इससे ब्रांड्स को ग्लोबल एक्सपोजर मिलता है, जो उन्हें IPL में निवेश करने के लिए आकर्षित करता है.

BCCI और IPL मैनेजमेंट लगातार नए इनोवेशन ला रहे हैं—जैसे डिजिटल एनालिटिक्स, फैंटेसी लीग्स, NFT कार्ड्स, और इंटरनैशनल टाइ-अप्स. आने वाले समय में IPL सिर्फ एक स्पोर्टिंग लीग नहीं बल्कि एक मल्टी-बिलियन डॉलर ब्रांड होगा.





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