fbpx
Thursday, April 24, 2025
spot_img

अमेरिका-ईरान के बीच बातचीत में देरी से खामेनेई क्यों हो रहे बेचैन?


अमेरिका-ईरान के बीच बातचीत में देरी से खामेनेई क्यों हो रहे बेचैन?

डोनाल्ड ट्रंप और खामेनेई

ईरान और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील पर दूसरे दौर की बातचीत होने वाली है. पहली बैठक ओमान में हुई थी. मगर दूसरे राउंड की बातचीत की जगह और एजेंडे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही. पहले खबर आई कि ये बैठक रोम में होने वाली थी.

लेकिन ईरानी अधिकारियों ने इसे ओमानी दूतावास में कराने की मांग रख दी. जबकि इटली सरकार चाहती थी कि यह वार्ता उनके विदेश मंत्रालय में हो. आखिरकार 14 अप्रैल की शाम तेहरान ने ऐलान किया कि बातचीत अब ओमान में होगी. वार्ता में हो रही इसी देरी को लेकर ईरान के खामेनेई को डर सता रहा. क्यों? आइए जानते हैं.

इस बात से बढ़ रही है तेहरान में बेचैनी

बातचीत की जगह को लेकर हुए इस विवाद पर अमेरिका ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वार्ता में एक हफ्ते की देरी पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, “उन्हें तेजी दिखानी होगी, क्योंकि वो बहुत करीब हैं… और हम उन्हें नहीं करने देंगे.” ट्रंप का इशारा ईरान की परमाणु क्षमता की तरफ था.

ईरान की चिंता यह भी है कि अगर बातचीत में और देरी हुई तो ट्रंप का संयम जवाब दे सकता है. इसी वजह से ईरानी जनता, खासकर मिडिल क्लास, इन वार्ताओं पर बारीकी से नज़र रख रही है. लोकप्रिय टेलीग्राम चैनल इको ईरान ने लिखा है कि ऐतिहासिक दुश्मनी के बावजूद तेहरान और वॉशिंगटन के बीच समझौते की संभावना है. चैनल ने ये भी जोड़ा कि ईरान अब कुछ ‘रेड लाइन’ छोड़ने को तैयार दिख रहा है.

इस वार्ता पर क्या है ईरानी मीडिया की राय

इस बीच जमारान चैनल ने लिखा कि वर्षों से ईरानी जनता अमेरिका से बातचीत के पक्ष में रही है, लेकिन अपनी गरिमा और हितों के साथ. वहीं एमतेदाद नाम के एक सेंटरिस्ट चैनल ने पत्रकार दावूद हेशमती की टिप्पणी छापी, जिसमें उन्होंने जॉन केरी के उस सुझाव का समर्थन किया कि कोई भी नया समझौता अमेरिकी सीनेट से मंज़ूरी पाकर ही मान्य हो. हालांकि ईरान में अब भी यह डर कायम है कि अगर समझौता हुआ भी तो ट्रंप या उनके बाद आने वाला कोई अमेरिकी राष्ट्रपति उसे फिर से तोड़ सकता है.





RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular