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Thursday, April 24, 2025
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यूनानी डॉक्टर कैसे बनें? जानिए12वीं के बाद क्या करनी होगी पढ़ाई


यूनानी डॉक्टर कैसे बनें? जानिए12वीं के बाद क्या करनी होगी पढ़ाई

(फोटो: pixabay.com)

भारत में यूनानी ट्रीटमेंट मेथड एक ट्रेडिशनल एंड इफेक्टिव मेडिसिन मानी जाती है, जिसकी जड़ें ग्रीक (यूनान) से जुड़ी हुई हैं. यह ट्रीटमेंट मेथड शरीर के चार लिक्विड एलेमेंट्स, खून, बलगम (mucus), पित्त (bile) और काला पित्त (black bile) के बैलेंस पर आधारित होती है.

यूनानी डॉक्टर इस मेथड के अनुसार इलाज करते हैं और नेचुरल हर्ब्स, मेडिसिन्स और लाइफस्टाइल से संबंधित सलाह देकर मरीजों की सेहत सुधारते हैं. अगर कोई छात्र यूनानी डॉक्टर बनना चाहता है तो उसे सबसे पहले राइट डायरेक्शन में योजना बनाकर तैयारी करनी होती है. यूनानी डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहले छात्र को 12वीं क्लास साइंस (PCB – फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) से पास करनी होती है.

यह जरूरी है कि छात्र को 12वीं में कम से कम 50% नंबर मिले हों और उन्होंने बायोलॉजी सब्जेक्ट पढ़ा हो. इसके बाद छात्र को BUMS (Bachelor of Unani Medicine and Surgery) नाम का कोर्स करना होता है. यह कोर्स यूनानी ट्रीटमेंट का मुख्य अंडरग्रेजुएट कोर्स होता है, जो कुल 5 साल 6 महीने का होता है. इसमें 4.5 साल की थ्योरी और प्रैक्टिकल पढ़ाई होती है.

पढ़ाई के बाद 1 साल की इंटर्नशिप जरूरी होती है. इस दौरान छात्र अस्पतालों में मरीजों के साथ काम करना सीखते हैं और प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस लेते हैं.

BUMS कोर्स में क्या सिखाया जाता है?

BUMS कोर्स में छात्रों को यूनानी ट्रीटमेंट के बेसिक प्रिंसिपल्स, एनाटमी, डायग्नोसिस, यूनानी मेडिसिन्स की जानकारी, नाड़ी परीक्षण (Pulse testing), यूनानी फार्मेसी और हर्ब्स का उपयोग सिखाया जाता है. इसके अलावा इसमें मॉडर्न ट्रीटमेंट की मूल बातें भी शामिल होती हैं ताकि डॉक्टर को दोनों ही मेथड्स की समझ हो सके.

छात्र यह भी सीखते हैं कि किस तरह यूनानी दवाएं शरीर पर असर करती हैं और कैसे वे बिना साइड इफेक्ट के इलाज कर सकती हैं.

एडमिशन प्रोसेस और जरूरी एग्जाम

BUMS कोर्स में दाखिला पाने के लिए नेशनल लेवल पर ऑर्गनाइज्ड NEET (National Eligibility cum Entrance Test) परीक्षा में शामिल होना जरूरी होता है. इस परीक्षा में अच्छे अंक लाकर छात्र सरकारी और प्राइवेट यूनानी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला पा सकते हैं.

कुछ प्रमुख यूनानी कॉलेज हैं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU), जामिया हमदर्द (दिल्ली), मौलाना आजाद यूनानी मेडिकल कॉलेज (हैदराबाद), राज्य यूनानी कॉलेज (प्रयागराज), और टिब्बिया कॉलेज (पटना). इन कॉलेजों में प्रवेश मेरिट लिस्ट और सीटों की उपलब्धता के आधार पर होता है.

BUMS के बाद करियर

BUMS कोर्स पूरा करने के बाद छात्र एक रजिस्टर्ड यूनानी डॉक्टर बन सकते हैं. वे सरकारी अस्पतालों, यूनानी हेल्थ सेंटर, रिसर्च इंस्टिट्यूशंस या निजी क्लिनिक में काम कर सकते हैं. यूनानी दवाएं आज भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पॉपुलर हैं, इसलिए इस क्षेत्र में रोजगार के अच्छे अवसर हैं.

आप चाहें तो यूनानी में MD या PhD भी कर सकते हैं, जिससे आप टीचर, रिसर्चर या स्पेशलिस्ट डॉक्टर के रूप में भी काम कर सकते हैं. सरकार की तरफ से भी यूनानी डॉक्टरों की भर्ती की जाती है, खासकर आयुष विभाग के तहत. यूनानी डॉक्टर बनने से आपको समाज की सेवा करने का मौका मिलता है. यूनानी ट्रीटमेंट मेथड का दायरा बढ़ता जा रहा है और भारत के साथ-साथ विदेशों में भी यूनानी डॉक्टरों की मांग बढ़ रही है.

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