रूस ने यूक्रेन पर अटैक करने के लिए अपना सबसे पुराना मिसाइल निकाला है. इस मिसाइल का नाम Iskander-M missiles है. खबर है कि सोमवार को हुआ यूक्रेन के रूमी शहर पर हमला इसी मिसाइल से किया गया था. इसे 1988 में बनाया गया था. इसे 2024 में नए सिरे से तैयार किया गया है. यह मिसाइल 1000 किमी की रेंज तक सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. जिसकी वजह से नाटो देश भी इसका खौफ खा रहे हैं.
सोमवार को हुए हमले में लगभग 35 लोग मारे गए हैं, जिसके बाद रूस का विरोध पश्चिमी देशों में एक बार फिर बढ़ गया है. साथ ही रूस विरोधी ताकतों की मिसाइल के भविष्य में इस्तेमाल के खतरों ने चिंता बढ़ा दी है. रूसी ने इस पुरानी मिसाइल को युद्ध के दौरान फिर से बनाना शुरू किया है और अब इसकी रेंज भी बढ़ा दी गई है.
कितनी खतरनाक है Iskander-M missiles?
पिछले साल खबर आई थी कि रूस कथित तौर पर एक हजार किलोमीटर की रेंज वाली इस्कैंडर-एम सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल के एक नए रूप का सीरियल उत्पादन शुरू कर चुका है.
इस्कैंडर-एम के एक हजार किलोमीटर रेंज वाले संस्करण के अस्तित्व के बारे में पहली बार जुलाई 2024 में रिपोर्ट सामने आई थी. 24 जुलाई, 2024 को रूस की मिलिट्री वेबसाइट पर पब्लिश एक पोस्ट में बताया गया था कि 9K720 इस्केंडर-एम OTRK के तकनीकी समाधानों पर आधारित यूनिवर्सल मॉड्यूलर मिसाइल सिस्टम की एक मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल बनाई गई है.
मिसाइल को कम से कम 2024 से मशीन-बिल्डिंग डिज़ाइन ब्यूरो (कोलोमना) द्वारा विकसित किया जा रहा है. पोस्ट में मिसाइल को सशर्त रूप से इस्कंदर-1000 नाम दिया गया था और नाटो ने इसे एसएस-एक्स-33 नाम दिया था.
Intermediate-Range Nuclear Forces Treaty को तोड़ रहा रूस
1987 में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हुई INF ट्रीटि ने 500 से 5,500 किलोमीटर की दूरी के साथ जमीन से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के विकास और तैनाती पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन Iskander-M का विकास इस समझौते को तोड़ता नजर आ रहा है.