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Friday, April 25, 2025
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मोबाइल की लत ही नहीं, माता-पिता की ये गलतियां भी बच्चे को पहुंचाती हैं नुकसान


मोबाइल की लत ही नहीं, माता-पिता की ये गलतियां भी बच्चे को पहुंचाती हैं नुकसान

पेरेंट्स न करें ये गलतियांImage Credit source: Pexels

माता-पिता बनना जिम्मेदारी और चैलेंजिंग काम होता ह. हर मां-बाप अपने बच्चों के लिए सब कुछ अच्छा ही चाहते हैं. जैसे उन्हें अच्छी शिक्षा, अच्छे संस्कार और एक सुरक्षित भविष्य. लेकिन कई बार पेरेंट्स कुछ ऐसे फैसले ले लेते हैं या व्यवहार कर बैठते हैं, जो बच्चों की मेंटल, इमोशनल या सोशल ग्रोथ पर नेगेटिव असर डाल सकते हैं. अक्सर कुछ मां-बाप ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे बच्चे के आत्मविश्वास पर गहरा असर पड़ता है.

इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसी आम लेकिन सीरियस गलतियों के बारे में बात करेंगे जो माता-पिता जाने-अनजाने में कर बैठते हैं. साथ ही ये भी जानेंगे कि इनसे कैसे बचा जा सकता है, ताकि बच्चों पर इनका नुकसान न हो और उनका भविष्य हेल्दी और खुशहाल हो.

1. बच्चों की तुलना करना

अक्सर कुछ पेरेंट्स अपने बच्चें की तुलना दूसरे बच्चे से करते हैं. जैसे “देखो शर्मा जी का बेटा कितना अच्छा है”, “तुम्हें तो कुछ आता ही नहीं”. ये सेटेंस हर घर में कभी न कभी सुनाई दे जाते हैं. लेकिन ये बच्चों के लिए बहुत नुकसानदायक है. इससे बच्चे में कॉन्फिडेंस की कमी हो जाती है . जलन की भावना पैदा होती है और बच्चा खुद को कमतर समझने लगता है. इसलिए कभी भी अपने बच्चे को दूसरे बच्चे से कंपेयर न करें.

2. बच्चों की फीलिंग्स को नजरअंदाज करना

कुछ मां-बाप हर बात बच्चों पर थोपते हैं और उनकी बातों को फीलिंग्स को इग्नोर करते हैं. जैसे बच्चे की बात को ‘बड़े होकर समझ जाएगा, ‘चुप रहो, ये कोई रोने की बात है?’ कहकर टाल देना. ऐसा करने से बच्चा अंदर ही अंदर घुटने लगता है. इमोशनली कमजोर हो सकता है. इसलिए बच्चे की फीलिंग्स को समझें, उनसे खुलकर बात करें.

3. हमेशा ‘न’ कहना या ज्यादा रोक-टोक

जब भी बच्चा कोई चीज मांगता है या कुछ बात कहता है तो उसकी बात को न कह देना. या उसकी हर बात पर उसको रोकना-टोकना.इससे बच्चा रिस्क लेने से डरने लगता है. कॉन्फिडेंस कम होने लगता है और अपनी बात रखने से भी डरने लगता है. इसलिए जरूरत के हिसाब से बाउंड्री तय करें लेकिन उन्हें खुद से चीजें एक्सप्लोर करने का मौका भी दें.

4. बच्चों की मौजूदगी में बहस या लड़ाई करना

माता-पिता अगर घर में अक्सर एक-दूसरे से ऊंची आवाज में बात करते हैं या झगड़ते हैं. ये बच्चों पर गलत असर डाल सकता है. इससे बच्चा असुरक्षित महसूस करता है. मेंटल स्ट्रेस और डर का माहौल बनता है. बच्चे के व्यवहार में चिड़चिड़ापन तक आ सकता है. इसलिए कोशिश करें कि घर का माहौल पीसफुल रखें. अगर बहस हो भी, तो बच्चे के सामने न करें.





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