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Thursday, April 24, 2025
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फोन पर ही एक-दूसरे को क्यों डांटने लगे नेतन्याहू और फ्रांस वाले मैक्रों?


फोन पर ही एक-दूसरे को क्यों डांटने लगे नेतन्याहू और फ्रांस वाले मैक्रों?

बेंजामिन नेतन्याहू और इमैनुएल मैक्रों

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच फोन पर जोरदार बहस होने की खबर है. यह बहस फिलिस्तीन के मुद्दे को लेकर हुई है. मैक्रों ने फिलिस्तीन को अलग देश का दर्जा देने की बात कही है, जिसको लेकर नेतन्याहू ने फ्रांस के राष्ट्रपति को फोन लगाया था.

ब्लूमवर्ग के मुताबिक मंगलवार को नेतन्याहू ने मैक्रों को फोन किया और उनके बयान पर विरोध जताया. नेतन्याहू का कहना था कि अगर आप उसे दर्जा दोगे, तो वो ईरान का गढ़ बन जाएगा. आप यहूदी लोगों के साथ गलत कर रहे हो.

आतंकवाद से लड़ो, सपोर्ट मत करो- बेंजामिन

रिपोर्ट के मुताबिक फोन पर नेतन्याहू ने जमकर मैक्रों को खरी-खोटी सुनाई. नेतन्याहू का कहना था कि इस फैसले से मिडिल ईस्ट में आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा. ईरान के कट्टरपंथी यहां पर डेरा डाल देंगे, जिससे लाखों लोगों की जान खतरे में आ सकती है.

नेतन्याहू का कहना था कि अभी तक इस पर किसी भी बड़े देश ने फैसला नहीं किया तो फिर फ्रांस आगे क्यों आ रहा है? नेतन्याहू का कहना था कि फ्रांस अपने सहयोगियों को भी उकसा रहा है, जो गलत है. दोनों नेताओं के बीच इस दौरान जोरदार बहस भी हुई.

मैक्रों ने जून में दर्जा देने की बात कही

फोन पर जवाब देने में मैक्रों भी पीछे नहीं रहे.मैक्रों का कहना था कि मैं मिडिल ईस्ट में शांति चाहता हूं. मेरी कोशिश है कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जंग रुके. इसलिए मैंने जून में दर्जा देने का विचार किया है. मेरे साथ कई और देश है, जो फिलिस्तीन को अलग देश का दर्जा देने के लिए तैयार है.

मैक्रों के मुताबिक अगर फ्रांस की कोशिश पूरी दुनिया में शांति स्थापित करने की है. हम इसी दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. इजराइल का इसमें कोई नुकसान नहीं होने वाला है. बता दें कि फ्रांस समेत जी-7 के देश इस मुद्दे पर अब तक न्यूट्रल भूमिका में रहा है.

पहली बार फ्रांस ने फिलिस्तीन को अलग देश के तौर पर मान्यता देने की बात कही है. ऐसा होने पर सीमांकन और नई सरकार का गठन फिलिस्तीन में होगा. कई बड़े देशों का दूतावास खुलेगा.

जेलेंस्की और ट्रंप में हुई थी बहस

मैक्रों और नेतन्याहू के बीच फोन पर बहस हुई है, लेकिन कुछ महीने पहले इसी तरह की बहस डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की के बीच अमेरिका में हुई थी. दोनों नेता रूस और व्लादिमीर पुतिन को लेकर भिड़ गए थे. बहस के बाद जेलेंस्की व्हाइट हाउस छोड़कर निकल गए थे.





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