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Thursday, April 24, 2025
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पुतिन के देश में पत्रकारिता बनी अपराध! इस आरोप में चार पत्रकारों को मिली ये खौफनाक सजा


रूस में स्वतंत्र पत्रकारिता पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. इसी कड़ी में रूस की एक अदालत ने सोमवार को चार पत्रकारों को चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ठहराया है. इन पत्रकारों पर आरोप है कि उन्होंने दिवंगत विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी द्वारा स्थापित एंटी-करप्शन ग्रुप के लिए काम किया. अदालत ने सभी को 5.5 साल की सजा सुनाई है. इन पत्रकारों में एंतोनीना फावर्स्काया, कोन्सटैन्टिन गैबोव, सर्गेई कारेलिन और आर्ट्योम क्रिगर शामिल हैं.

चारों पत्रकारों ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उन्हें केवल अपने पेशेवर कर्तव्यों का निर्वहन करने की वजह से सजा दी जा रही है. यह मुकदमा बंद कमरे में चला और इसे रूस में स्वतंत्र पत्रकारिता के खिलाफ चल रहे सरकारी अभियान का हिस्सा माना जा रहा है, जो 2022 में यूक्रेन युद्ध के बाद से और अधिक कठोर हो गया है. रूस में अब तक सैकड़ों पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और असहमति जताने वालों को जेल में डाला जा चुका है.

पत्रकारिता करना पड़ गया भारी

सजा पाने वाले पत्रकारों में फावर्स्काया और क्रिगर सोता विजन नामक स्वतंत्र मीडिया संगठन से जुड़े थे, जो रूस में विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक मुकदमों की कवरेज करता है. गैबोव एक फ्रीलांस प्रोड्यूसर हैं, जो रॉयटर्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए काम कर चुके हैं. कारेलिन ने एसोसिएटेड प्रेस समेत कई पश्चिमी मीडिया संस्थानों के लिए वीडियो रिपोर्टिंग की है.

इन आरोपों में हुई सजा

इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने नवेलनी की भ्रष्टाचार विरोधी संस्था ‘फाउंडेशन फॉर फाइटिंग करप्शन’ के लिए काम किया, जिसे 2021 में रूस की सरकार ने चरमपंथी संगठन घोषित कर दिया था. यह संस्था नवेलनी की अगुवाई में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाती थी और यही वजह है कि इसे राजनीतिक प्रतिशोध के तहत बंद किया गया. फरवरी 2024 में नवेलनी की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.

क्या बोले सभी पत्रकार?

फावर्स्काया ने अदालत में खुलकर बताया कि उन्हें नवेलनी के जेल में उत्पीड़न पर खबर लिखने की वजह से टारगेट किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि वे नवेलनी के अंतिम संस्कार की व्यवस्था में शामिल थीं, इसलिए उन्हें सजा दी जा रही है. वहीं गैबोव ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और राज्य केवल स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने के लिए ऐसा कर रहा है.

कारेलिन और क्रिगर ने भी अपने-अपने बयानों में कहा कि उन्होंने केवल अपने पत्रकारिता धर्म का पालन किया और उन्हें इसके लिए आतंकवादी और चरमपंथी करार दे दिया गया. क्रिगर ने कोर्ट में कहा, ‘मैं केवल अपना पेशा निभा रहा था, किसी अपराध में शामिल नहीं था. लेकिन एक दिन आएगा जब जो आज हमें सजा दे रहे हैं, वे खुद कठघरे में खड़े होंगे.’





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