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Friday, April 25, 2025
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न अग्नि कुंड, न ही भगवान, आंबेडकर को माना साक्षी और मामी की बहन के साथ लिए 7 फेरे… घर से भागकर की शादी


न अग्नि कुंड, न ही भगवान, आंबेडकर को माना साक्षी और मामी की बहन के साथ लिए 7 फेरे... घर से भागकर की शादी

भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानकर युवक ने मामी की बहन से रचाई शादी.

बिहार के भागलपुर में एक प्रेमी जोड़े ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर सभी को हैरान कर दिया. उसने भगवान को नहीं बल्कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानकर एक दूजे का साथ निभाने का वचन लिया. उन्होंने समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए शादी रचाई. युवक ने अपनी मामी की बहन से ही विवाह किया है. दोनों के बीच काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था.

यह घटना नवगछिया की है. यहां के एक प्रेमी जोड़े ने अनोखे ढंग से विवाह किया है. संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की फोटो पर प्रेमी-प्रेमिका ने माल्यार्पण किया. उन्होंने बाबा साहब की तस्वीर को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और सात जन्म तक साथ निभाने का वादा किया. अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस शादी की चर्चा भी चारों ओर हो रही है.

चार साल से था दोनों में प्यार

जानकारी के मुताबिक, सुपौल के रहने वाले एक युवक ने नवगछिया के नारायणपुर में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानकर अपनी मामी की सगी बहन से शादी कर ली. नवविवाहित दंपत्ति की शादी से पहले उनके बीच चार साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था. दोनों ने साथ रहने और शादी का फैसला किया और इसकी जानकारी अपने परिजन को दी, लेकिन उनके परिजनों को यह मंजूर नहीं था. फिर दोनों ने 9 अप्रैल को घर से भागने का फैसला लिया.

घर से भागे प्रेमी-प्रेमिका

10 अप्रैल को प्रेमी सुपौल से सीधा नवगछिया पहुंचा और अपनी प्रेमिका को साथ लेकर अपने घर सुपौल आ गया. उधर, लड़की के परिवार वालों ने स्थानीय थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. परिजन ने अपने स्तर से भी खोजबीन शुरू की, लेकिन सफलता नहीं मिली. आखिरकार सोमवार को उन्हें बेटी की शादी की जानकारी हुई. प्रेमी जोड़े की इस अनोखी शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोर रहा है. प्रेमी सुपौल जिले के रहने वाले देवनारायण कुमार का पुत्र सुनील कुमार है. वहीं, प्रेमिका लड़की की नवगछिया के भवानीपुर की मधुरापुर गांव की रहने वाली है.

अंबेडकर की तस्वीर के सामने लिए सात फेरे

दोनों की शादी के बाद उनके परिवार वालों ने इसकी मंजूरी दे दी. सोमवार की शाम भवानीपुर मार्केट स्थित मां काली मंदिर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर के समक्ष दोनों ने सात फेरे लिए और जीवन भर एक-दूजे का साथ निभाने की कसमें खाईं. शादी के बाद प्रेमिका ने कहा, “मैंने अपनी मर्जी से शादी की है. अब किसी भी हाल में सुनील को कोई परेशानी नहीं होने दूंगी.” वहीं, सुनील ने कहा कि “हम दोनों सच्चे दिल से एक-दूसरे से प्रेम करते हैं. अब हम हमेशा के लिए एक हो गए हैं.”

शादी की हो रही चर्चा

घटना को लेकर बताया जा रहा है कि सुपौल के रहने वाले प्रेमी अपने मामी के घर नारायणपुर आया था. इसी दौरान लड़की से उसकी मुलाकात हुई थी. दोनों में बातचीत शुरू हुई और फिर प्रेम हो गया. दोनों ने शादी का फैसला किया, लेकिन परिवार वालों की मंजूरी नहीं मिलने के कारण घर से भाग कर शादी का फैसला लिया. डॉ भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानकर ब्याह रचाने वाले इस प्रेमी जोड़े की चर्चा चारों ओर हो रही है.





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