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Thursday, April 24, 2025
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डायनासोर की तरह इस कट्टर मुस्लिम देश से विलुप्त हो गए यहूदी, इजराइल में हड़कंप


डायनासोर की तरह इस कट्टर मुस्लिम देश से विलुप्त हो गए यहूदी, इजराइल में हड़कंप

सीरिया में कभी हजारों की तादाद में रहते थे यहूदी

सीरिया आज कट्टर मुस्लिम देशों में गिना जाता है. मगर क्या आप जानते हैं कि वहां कभी हजारों की तादाद में यहूदी भी रहते थे? लेकिन आज ये हाल है कि जैसे डायनासोर विलुप्त हो गए वैसे ही सीरिया से यहूदी गायब हो गए.

इजराइल मं इसे लेकर चिंता भी है और जिज्ञासा भी है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक जमाने में समृद्ध यहूदी आबादी का अब वहां नामोनिशान तक नहीं है? आइए जानते हैं.

इजराइल बनने के बाद शुरु हुआ पलायन

सीरिया में यहूदी बस्तियों का इतिहास चौथी सदी ईसा पूर्व तक जाता है. पहले विश्व युद्ध से पहले अलेप्पो और दमिश्क जैसे शहरों में करीब 40 हजार यहूदी रहते थे. उस दौर में मुसलमानों के साथ रहने में कोई बड़ी परेशानी नहीं थी. मगर सब कुछ बदलने लगा 1940 ते दश्क में जब इजराइल बनने की हलचल शुरु हुई.

1948 में जब इजराइल एक देश बना तो उसके बाद अरब देशों में रहने वाले यहूदियों की स्थिति डांवाडोल हो गई. सीरिया में भी यहूदी समुदाय को शक की निगाहों से देखा जाने लगा. पहले तो कुछ लोगों ने लेबनान के रास्ते देश छोड़ा, फिर धीरे धीरे हजारों यहूदी मैक्सिकों, अमेरिका और अर्जेंटिना जैसे देशों में बसने लगे. 1992 में हाफिज अल-असद ने कुछ हद तक पलायन की इजाजत दी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

दमिश्क से मैक्सिको तक कैसे पहुंचे?

1949 की एक डरावनी रात, दमिश्क की अल-मानसेह सिनेगॉग (यहूदी उपासना स्थल) में उस वक़्त की गई ग्रेनेड अटैक ने वहां के यहूदी समुदाय की किस्मत हमेशा के लिए बदल दी. हमले में 12 यहूदियों की मौत हुई, 60 से ज़्यादा लोग घायल हुए. इस हमले ने यहूदियों को वहां से निकलने पर मजबूर कर दिया.

जो युवा दमिश्क से भागे थे, उनमें से ज़्यादातर पहले इजराइल पहुंचे. रात के अंधेरे में गोलान हाइट्स पार कर वे इजराइल में दाखिल हुए. कई ने वहां की सेना IDF जॉइन की और नई ज़िंदगी शुरू की. इसमें से भी कई लोगों ने पहले अमेरिका जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें एंट्री नहीं मिली. वजह थी संक्रामक बीमारियों को लेकर अमेरिकी अफसरों की चिंता.

मैक्सिको को यहूदियों ने क्यों चुना?

अमेरिका के इनकार के बाद कुछ यहूदी परिवारों ने मेक्सिको का रुख किया. पहले वेराक्रूज़ पहुंचे, फिर मैक्सिको सिटी. उस वक्त मेक्सिको को एक इंडस्ट्रियल हब माना जाता था, जहां नई ज़िंदगी शुरू करने के मौके थे. इसके अलावा, वहां पहले से मौजूद यहूदी समुदाय ने नए आने वालों को सहारा दिया.

आज मैक्सिको में करीब 30 हजार सिरीयाई यहूदी हैं. इनमें अलेप्पो और दमिश्क के यहूदी दो अलग-अलग समूहों में बंटे हैं लेकिन साथ ही साथ ये एक दूसरे के साथ शादी-ब्याह और त्योहारों में भी जुड़े रहते हैं. इस समुदाय के पास अपने स्कूल, संस्थाएं और 40 से ज्यादा सिनेगॉग हैं. अधिकतर लोग पारंपरिक या धार्मिक हैं और इजराइल से उनका गहरा जुड़ाव है.

बाकी कहां-कहां हैं सीरियाई यहूदी?

मैक्सिको और इजराइल के अलावा, न्यूयॉर्क, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और पनामा में भी इनके समुदाय बस गए हैंय कुछ तो इजराइल की सेना में भर्ती होकर वहीं बस गए. आज यह समुदाय दुनियाभर में फैला जरूर है, लेकिन अपने रीति-रिवाज़ और पहचान को बड़े गर्व से सहेज रहा है.





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