fbpx
Thursday, April 24, 2025
spot_img

जिस चींटी को मसल कर मार देते हैं भारतीय, उसकी कीमत है 18000


जिस चींटी को मसल कर मार देते हैं भारतीय, उसकी कीमत है 18000

फोटोृ-मेटा AI

भारत में किसी भी दीवार या मिट्टी में चीटियां मिलना आम बात हैं. अक्सर घरों में चींटी दिख जाने पर भारत में लोग उसे मसल कर मार देते हैं. क्या आपने सोचा है, कई जगह चींटियों और इसके जैसे कीड़ों को बचाने के लिए बाकायदा कानून बनाए गए है या एक चींटी 18 हजार की बैची जा सकती है.

ऐसा ही एक मामला अफ्रीकी देश केन्या से सामने आया है, जहां चार व्यक्तियों ने सैकड़ों अत्यधिक मांग वाली चींटियों को देश से बाहर तस्करी करने के कोशिश की, लेकिन उनके इससे पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया. केन्या वन्यजीव सेवा (KWS) इसे एक ऐतिहासिक मामला बताया है. KWD शेरों और हाथियों जैसे बड़े जीवों की रक्षा करने के लिए ज्यादा काम करता है, लेकिन उसने अत्यधिक मांग वाली चींटियों को भी बचाने की पहल की है.

एक चींटी की कीमत 18 हजार

तस्करी के सामान में विशाल अफ्रीकी हार्वेस्टर चींटियां भी शामिल थीं, जिनकी कीमत कुछ ब्रिटिश डीलरों के मुताबिक 170 पाउंड (18 हजार) प्रति चींटी तक है. KWS ने कहा कि इस मामले में तस्करी के तरीकों में चिंताजनक बदलाव देखने को मिला है, इस तस्करी में प्रतिष्ठित स्तनधारियों से लेकर कम जाने-जाने वाली प्रजातियों तक शामिल हैं, जो पारिस्थितिक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं.

ये भी पढ़ें

खास तरीके से किया जा रहा था तस्कर

अधिकारियों ने बताया कि तस्करों ने इन जीवों को खास तरीके से पैक किया था, जिसके जरिए ये करीब 2 महीनों तक जिंदा रह सकती हैं. तस्करी के लिए जा रहे कीटों की सटीक संख्या का अभी भी आकलन किया जा रहा है. KWS के प्रवक्ता पॉल उदोतो ने BBC को बताया कि इस पैमाने पर ‘जैव-चोरी’ का यह देश का पहला मामला है.

तस्करी में तीन देशों के लोग शामिल

इन कीटों की तस्करी करते हुए 4 संदिग्धों को पकड़ा गया है, जिनमें दो बेल्जियम के, एक वियतनामी और एक केन्याई. इनकी गिरफ्तारी एक खुफिया ऑपरेशन के दौरान हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि इनका मकसद इन कीटों यूरोप और एशिया के विदेशी पालतू जानवरों के बाजार में बेचना था.

कीटों का होता है कारोबार

KWS ने कहा कि दुर्लभ कीट प्रजातियों की मांग बढ़ रही है. उनको पालने वाले उन्हें विशेष आवासों में रखते हैं, जिन्हें फॉर्मिकेरियम के नाम से जाना जाता है और कीटो अपनी कॉलोनियां बनाते हुए देखते हैं. अफ्रीकी हार्वेस्टर चींटी – या मेसोर सेफालोट्स अपनी प्रजाति में सबसे बड़ी चीटी है और लगभग 20 मिमी तक बढ़ सकती है , जिसमें रानी 25 मिमी तक बढ़ती है.

कीट-व्यापार करने वाली वेबसाइट बेस्ट एन्ट्स UK के जनरल मैनेजर पैट स्टैन्चेव ने कहा कि यह उनका ‘बड़ा और सुंदर आकार’ है जो उन्हें उन लोगों के लिए आकर्षक बनाता है जो उन्हें पालतू जानवर के रूप में रखना चाहते हैं.





RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular