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Saturday, April 19, 2025
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जहां ऑक्सीजन कम, वहां हौसला सबसे ज्यादा… सिक्किम में ऐसा है सेना का पराक्रम


जहां ऑक्सीजन कम, वहां हौसला सबसे ज्यादा... सिक्किम में ऐसा है सेना का पराक्रम

सांकेतिक तस्वीर

उत्तरी सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास स्थित प्लैटो सब सेक्टर में भारतीय सेना ने अपनी ताकत और तैयारियों का प्रदर्शन किया है. यह इलाका देश के सबसे ऊंचे और ठंडे युद्धक्षेत्रों में गिना जाता है. चीन की सीमा से सटे इस संवेदनशील क्षेत्र में सेना की मजबूती न सिर्फ रक्षा के हिसाब से अहम है, बल्कि यह चीन को साफ संदेश भी देता है कि भारत अब हर मोर्चे पर तैयार है.

भारतीय जवान अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं, जिनमें से ज्यादातर ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत देश में ही विकसित किए गए हैं. ऊंचे पहाड़ों और माइनस तापमान में भी जवान दिन-रात तैनात रहकर देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं.

चीन को सख्त संकेत

चीन की बढ़ती गतिविधियों और तनावपूर्ण कोशिशों के बीच यह प्रदर्शन रणनीतिक रूप से बेहद अहम है. यह दिखाता है कि भारत ने पूर्वी हिमालय क्षेत्र में न केवल अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाया है, बल्कि चीन के किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने की क्षमता भी रखता है.

सेना की सामाजिक भूमिका भी अहम

भारतीय सेना सिर्फ सीमा की सुरक्षा तक सीमित नहीं है. वह स्थानीय लोगों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने, आजीविका के साधन मुहैया कराने और पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी भूमिका निभा रही है. अक्टूबर 2023 में इसी क्षेत्र में ग्लेशियर झील फटने की घटना हुई थी. तब भी सेना ने राहत और बचाव कार्यों में अहम भूमिका निभाई थी.

सबसे ऊंचे और ठंडे युद्धक्षेत्रों में से एक

यह युद्धक्षेत्र काफी खतरनाक है. यहां जवानों को दुश्मन के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा से भी लड़ना होता है. यहां पर हवा 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. वहीं, जमा देने वाली बर्फ पड़ती है. इस क्षेत्र में तैनात होने से पहले सैनिकों को कई तरह के मेडिकल टेस्ट से गुजरना होता है. भारतीय सेना इस क्षेत्र में हर तरह के हालातों का सामना करते हुए अलर्ट मोड पर रहती है और देश की रक्षा के लिए तैनात रहती है.





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