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Wednesday, April 23, 2025
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गरुड़ क्यों ले उड़े भगवान जगन्नाथ का ध्वज, क्या फिर होगी कोई बड़ी अनहोनी? पिछली बार झंडा जला था तो…


गरुड़ क्यों ले उड़े भगवान जगन्नाथ का ध्वज, क्या फिर होगी कोई बड़ी अनहोनी? पिछली बार झंडा जला था तो...

एक गरुड़ मंदिर के ध्वज को लेकर भगवान जगन्नाथ मंदिर के शिखर के चारों तरफ घूम रहा है.

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर का एक हैरान करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक बड़ा पक्षी अपने पंजों में ध्वज पताका ले जाते दिख रहा है. हालांकि, वीडियो में एक ध्वज पताका मंदिर के शिखर पर लहराती दिख रही है. इस वीडियो के बाद लोगों में श्रद्धा, रहस्य और डर का माहौल बना हुआ है. लोग इस घटना को रहस्यमयी और कई दृष्टिकोणों से ध्यान खींचने वाली बता रहे हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस वीडियो में जिस तरह एक गरुण मंदिर के ध्वज को लेकर शिखर के चारों ओर चक्कर काटती दिख रही है, वह कई वालों को जन्म दे रही है. लोग इसे शुभ-अशुभ संकेत और भविष्य की आशंका से जोड़कर देख रहे हैं. वहीं, कई लोग इसको साल 2020 में हुई घटना से भी जोड़ कर देख रहे हैं, जब मंदिर की पताका पर आकाशीय बिजली गिरने से आग लगा गई और देश को कोरोना महामारी का सामना करना पड़ा था.

गरुण के पंजों में फसी ध्वज पताका

वायरल वीडियो में गरुण पक्षी जगन्नाथ मंदिर के शिखर के चक्कर काटते दिख रहा है. उसके पंजों में ध्वज पताका फसी हुई है. वह पताका के साथ शिखर के चारों ओर चक्कर काट रहा है. 800 साल पुराना जगन्नाथ मंदिर कई रहस्यों से भरा है. मान्यता है कि मंदिर का ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है. जगन्नाथ मंदिर के ऊपर लहराता ध्वज विज्ञान के सामान्य नियमों को चुनौती देता है. हवा जिस दिशा में चलती है, ध्वज उसी ओर उड़ता है, लेकिन यहां इसका उल्टा होता है ध्वज हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।

हर दिन बदलती है ध्वज पताका

मंदिर में हर दिन ध्वज बदला जाता है. प्रतिदिन बिना रुके, बिना किसी चूक के, मंदिर के सबसे ऊंचे शिखर पर इंसान चढ़कर नए ध्वज को स्थापित किया जाता है. यह परंपरा सदियों से बिना रुके चल रही है. कहा जाता है कि अगर कभी यह परंपरा रुकी, तो मंदिर 18 वर्षों के लिए बंद हो जाएगा. मान्यता है कि ऐसे में अगर मंदिर के कपाट खोल दिए तो प्रलय आ सकती है.आज की आधुनिक तकनीक के बावजूद, मंदिर में ध्वज चढ़ाने का कार्य बिना किसी हार्नेस या सेफ्टी गियर के हाथ से किया जाता है.





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