
रिलायंस रिटेल और शीन डील
अमेरिका और चीन के बीच चल रही टैरिफ जंग ने मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और चीनी फैशन ब्रांड शीन की डील को टफ सिचुएशन में डाल दिया है. अब ये डील खटाई में यानी खतरे में पड़ती दिख रही है. चीन ने अपने मैन्युफैक्चरर्स को प्रोडक्शन को फॉरेन कंट्रीज में शिफ्ट करने से मना कर दिया है, जिससे
रिलायंस और शीन ने 2023 में एक डील साइन की थी, जिसके तहत भारत में शीन के लिए एक देसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लॉन्च करना था. प्लान था कि इंडियन स्मॉल और मीडियम बिजनेस (MSMEs) को शीन की ग्लोबल सप्लाई चेन से कनेक्ट किया जाए. करीब 25,000 MSMEs को जोड़ने और को जोड़ने और भारत से एक्सपोर्ट्स बढ़ाने की बात थी.
रिलायंस और शीन की डील पर असर
शीन को भी उम्मीद थी कि वो अपनी डिपेंडेंसी चीन से कम करके भारत पर फोकस करेगी. लेकिन, अमेरिका ने चीनी गुड्स पर 145% टैरिफ लगा दिया, जिसके बाद चीन ने अपने मैन्युफैक्चरर्स को फॉरेन प्रोडक्शन से रोक दिया. इससे रिलायंस-शीन का प्लान हिल गया है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के इस मूव से डर है कि चीनी कंपनियां भारत जैसे लो-टैरिफ कंट्रीज में प्रोडक्शन शिफ्ट कर सकती हैं. इसीलिए चीन ने सख्ती दिखाई. अब रिलायंस और शीन के बीच फिर से बातचीत चल रही है और इस डील को स्केल डाउन करने की पॉसिबिलिटी है. दोनों कंपनियां इस प्रॉब्लम से डील करने के लिए न्यू ऑप्शन्स ढूंढ रही हैं.
ये भी पढ़ें
शीन ने किया था कमबैक
भारत में शीन ने इस साल फरवरी में रिलायंस के साथ कमबैक किया था. 2020 में भारत-चीन बॉर्डर टेंशन के बाद शीन ऐप बैन हो गया था. ये पार्टनरशिप सिर्फ इंडिया में सेल्स बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि इंडियन मैन्युफैक्चरर्स को ग्लोबल मार्केट से जोड़ने के लिए भी थी. लेकिन, टैरिफ जंग ने इसे टफ बना दिया है.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर ये डील पूरी तरह सक्सेसफुल नहीं हुई, तो इंडियन MSMEs के लिए ग्लोबल एक्सपोर्ट के बड़े चांस कम हो सकते हैं. साथ ही मुकेश अंबानी को भी इससे नुकसान हो सकता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों कंपनियां इस चुनौती से निपटने के लिए आगे कौन सा प्लान बनाती हैं.