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Saturday, April 19, 2025
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असम में सभी आधिकारिक कामों के लिए असमिया अनिवार्य भाषा घोषित, इन जिलों को मिली छूट


असम में सभी आधिकारिक कामों के लिए असमिया अनिवार्य भाषा घोषित, इन जिलों को मिली छूट

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा. (फाइल फोटो)

असम में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में वहां पर भी अभी से ही राजनीतिक हलचल देखी जा रही है. सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ताबड़तोड़ कई अहम फैसले ले रही है. पूर्वोत्तर क्षेत्र के इस अहम राज्य में बराक घाटी के 3 जिलों और बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के अंतर्गत 5 जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में सभी आधिकारिक कार्यों में असमिया भाषा का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से किए जाने का ऐलान किया गया है.

मुख्यमंत्री सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस अहम फैसले के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा, “इस बोहाग (असम नववर्ष) से असम भर में सभी सरकारी अधिसूचनाओं, आदेशों, अधिनियमों आदि के लिए असमिया अनिवार्य रूप से आधिकारिक भाषा होगी. जबकि बराक घाटी (Barak Valley) और बीटीआर (Bodoland Territorial Region) के जिलों में क्रमशः बंगाली और बोडो भाषाओं का इस्तेमाल किया जाएगा.”

सरमा कैबिनेट ने 4 अप्रैल को किया था मंजूर

यह अधिसूचना आज मंगलवार यानी 15 अप्रैल से ​​लागू होगी. राज्य सरकार की ओर से जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, हालांकि सभी सरकारी अधिसूचनाएं, कार्यालय ज्ञापन, अधिनियम, नियम, विनियम, योजना दिशा-निर्देश, स्थानांतरण और पोस्टिंग से जुड़े आदेश अंग्रेजी और असमिया दोनों भाषाओं में जारी किए जाएंगे.

राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजनीतिक विभाग) अजय तिवारी की ओर से जारी अधिसूचना में यह कहा गया है कि बराक घाटी के कछार, हैलाकांडी और श्रीभूमि जिलों में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी के अलावा बांग्ला भाषा का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

अधिसूचना में यह भी कह गया है कि इसी तरह, बीटीआर के तहत कोकराझार, चिरांग, बक्सा, उदलगुरी और तामुलपुर में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी के अलावा बोडो भाषा का भी उपयोग किया जाएगा. असमिया को राज्य की आधिकारिक भाषा बनाए जाने को लेकर निर्णय पिछले दिनों (4 अप्रैल) मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया था.

30 दिन के अंदर स्थानीय भाषओं में होगा पब्लिशः

राज्य सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आदेश में यह भी बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी सभी अधिसूचनाएं, आदेश, अधिनियम, नियम और दिशा-निर्देश संबंधित विभाग की ओर से हासिल होने के 30 दिनों के अंदर असमिया भाषा (बोडो और बंगाली जहां भी लागू हो) में ट्रांसलेट करके प्रकाशित किए जाएंगे,

इसमें यह भी कहा गया है कि अधिनियमों, नियमों, विनियमों और अधिसूचनाओं वाले विरासत दस्तावेजों का भी दो सालों में चरणबद्ध तरीके से असमिया (बंगाली और बोडो जहां भी लागू हो) में ट्रांसलेट कराया जाएगा. ट्रांसलेशन का काम यूनिवर्सिटी के भाषा विभागों की मदद से किया जाएगा. साथ ही यह भी साफ किया गया कि ट्रांसलेशन में किसी भी अस्पष्टता, विसंगति या कानूनी व्याख्या की जरूरत की स्थिति में, ऐसे कानूनों, अधिसूचनाओं, नियमों, विनियमों और अध्यादेशों का अंग्रेजी एडिशन ही मान्य होगा.

अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार, उसके ऑफिसों तथा अन्य राज्य सरकार के प्रतिष्ठानों के साथ बातचीत के लिए अंग्रेजी भाषा का उपयोग जारी रहेगा.





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