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Friday, April 25, 2025
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World Chagas Disease Day: वो साइलेंट बीमारी, जो कीड़े के काटने से फैलती है


World Chagas Disease Day: वो साइलेंट बीमारी, जो कीड़े के काटने से फैलती है

दुनिया में ऐसी कई बीमारियां हैं जिनका लंबे समय तक पता ही नहीं चलता. शुरू में कुछ लक्षण उभरते हैं लेकिन सामान्य दवाओं से ठीक हो जाती हैं. मगर, असल बीमारी तो बनी रहती है और धीरे-धीरे शरीर में अपनी जड़ें गहरी करती रहती है. फिर दिल का गंभीर रोग दे सकती है. चगास नाम की ये बीमारी जब पुरानी हो जाती है तो दिल, दिमाग, गले और पेट पर असर दिखाती है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं, कैसे होती है ये बीमारी और क्या है इलाज.

चगास नाम की यह बीमारी एक कीड़े के काटने से होती है. परजीवी ट्रिपैनोसोमा क्रूजी (टी क्रूजी) चागास का कारण बनता है. यह ट्राइआटोमाइन बग्स द्वारा फैलता है, जिन्हें आमतौर पर किसिंग बग्स, चिंचे बेसुकोनास या विंचुकास भी कहा जाता है. चागास नाम की बीमारी इस कीड़े के मल के जरिए फैलती है. किसिंग बग नाम का यह कीड़ा आमतौर पर मिट्टी और भूसे में रहता है और रात के समय खाना खाने के लिए बाहर निकलता है. यह कीड़ा खून चूसता है. इस दौरान मल त्याग कर देता है, जिसमें परजीवी होता है. कीड़े के काटने पर अनजाने में मसलने पर उसके मल में मौजूद परजीवी धाव, आंख, मुंह या नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है.

शुरुआती लक्षण

यह परजीवी शरीर में प्रवेश करने के बाद प्रजनन करता है और संख्या बढ़ाता है. यह प्रक्रिया धीमी होती है, जिसके चलते इसके कोई लक्षण नहीं उभरते. लंबे समय बाद इसके लक्षण उभरते हैं. जिनमें दिल की धड़कन बढ़ना. सीने में दर्द होना. सांस लेने में परेशानी होना. चक्कर आना, थकान बेहोशी, निगलने में परेशानी होना, पेट में जलन और कब्जा होना शामिल हैं.

7 करोड़ से ज्यादा पीड़ित

इस बीमारी की पहचान डॉक्टर कार्लोस चगास ने 1909 में की थी. उनके नाम पर ही इस बीमारी का नाम रखा गया. यह बीमारी 7 करोड़ से ज्यादा लोगों को चपेट में ले चुकी है. इस बीमारी से दुनिया भर में 10 हजार से ज्यादा लोग हर साल दम तोड़ देते हैं. आशंका जताई जा रही है कि अगले कुछ सालों में दुनिया भर में इस बीमारी की चपेट में आने वालों की संख्या 100 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है. यह बीमारी संक्रामक नहीं है. इससे बचाव के लिए घरों में कीड़ों की रोकथाम करना जरूरी है. इसके साथ ही समय समय पर ब्लड टेस्ट और स्क्रीनिंग भी करवाते रहें.

रिपोर्ट- सुरभि शर्मा



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