fbpx
Friday, April 25, 2025
spot_img

सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य उत्सव में दिखा 250 कलाकारों का संगम… रचा इतिहास : CM डॉ. मोहन यादव


सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य उत्सव में दिखा 250 कलाकारों का संगम... रचा इतिहास : CM डॉ. मोहन यादव

सीएम मोहन यादव

अद्भुत-अकल्पनीय-रोमांचक… 250 कलाकार जब सम्राट विक्रमादित्य का जीवन जीवंत करने मंच पर उतरे तो पूरा कार्यक्रम स्थल आश्चर्य में डूब गया. तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा माधवदास पार्क गूंज उठा. दर्शकों को यकीन ही नहीं हुआ कि डिजीटल मूवी और रील्स के इस युग में इस तरह का कोई कार्यक्रम भी हो सकता है. दर्शक टकटकी लगाए पूरे नाटक को देखते रहे. दर्शकों ने महानाट्य से प्रेम, दयाशीलता, वीरता, साहस, विनम्रता, संघर्ष, देशप्रेम की प्रेरणा ली.

मौका था नई दिल्ली के लाल किले में आयोजित सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन का. 14 अप्रैल को महानाट्य का तीसरा और अंतिम दिन था. इस मौके पर दर्शकों ने एक तरफ सम्राट विक्रमादित्य के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनियां देखीं, तो दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के व्यंजनों का भी आनंद लिया. कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ-साथ उप-सभापति, राज्यसभा हरिवंश सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सांसद सुधांशु त्रिवेदी, मंत्री कुंवर विजय शाह, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, अचलानंद महाराज उपस्थित थे.

Samrat Vikramaditya Mahanatya Utsav (2)

यह विश्व में भारत का समय है- हरिवंश

उप-सभापति, राज्यसभा हरिवंश सिंह ने कहा कि इतिहासकारों की मान्यता है कि अतीत को जितना पीछे देख सकें, उतना देखें. उसके प्रेरक प्रसंगों से भविष्य गढ़ने की ताकत-ऊर्जा मिलती है. इसलिए इस अनोखे आयोजन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का सम्राट विक्रमादित्य से वर्षों से भावनात्मक लगाव है. यह दौर भारत के पुनर्जागरण का अद्भुत दौर है.

उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि यही समय है, सही समय है. यह विश्व में भारत का समय है. साल 2014 के बाद जिस तरह से भारत के पुनर्जागरण का दौर चल रहा है, उसे दुनिया पहचान रही है. आज विदेशी राजदूत इस बात पर पुस्तक लिख रहे हैं कि पश्चिम भारत से क्या सीखे. भारत लोकतंत्र की जननी रहा है. जाने-माने इतिहासकार ने लिखा है कि भारत का हजार बरसों का इतिहास दुनिया का इतिहास रहा है. हमारे अतीत को नेपथ्य में डाला गया. विदेशियों तक ने कहा कि भारत अपने अतीत पर गर्व क्यों नहीं करता. इसलिए इस तरह के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बधाई.

लौट रहा विक्रमादित्य का युग- सीएम यादव

कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि लाल किले की प्राचीर पर सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन अद्भुत है. आज महानाट्य का अंतिम दिन है. मैं मध्यप्रदेश सरकार की ओर से दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को बधाई देना चाहूंगा. वे कार्यक्रम की स्वागताध्यक्ष भी हैं और यहां की आयोजक भी हैं. वे हमें लगातार प्रेरणा भी दे रही हैं. लाल किले की प्राचीर तले जो महानाट्य का मंचन हो रहा है यह एक तरह से सम्राट विक्रमादित्य के युग का पुनः प्रकटीकरण है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरासत के विकास की बात कर रहे हैं. उनके कार्यकाल को सुशासन के रूप में जाना जाता है. ठीक वैसे ही, जब न्यायप्रियता की बात होती है, वीरता की बात होती है, विनम्रता की बात होती है, दानशीलता की बात होती है, तब-तब हमको सदैव हमें सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन का दौर याद आता है.

Samrat Vikramaditya Mahanatya Utsav (1)

सीएम डॉ. यादव ने सुनाई कहानी

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि इस महानाट्य में कलाकारों ने अद्भुत संकल्पना प्रदर्शित की है. इस महानाट्य के मंचन से कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रमाण पेश किए. जब सम्राट विक्रमादित्य अपनी पत्नी के भाइयों को बंदी बनाकर लाते हैं, तब उनकी पत्नी कहती है मेरे भाइयों का अपराध क्षमा कर दो, लेकिन उस वक्त भी सम्राट विक्रमादित्य ने न्यायप्रियता नहीं छोड़ी. वे पत्नी से कहते हैं कि मेरे देश पहले देश है, इसलिए अपराधी को क्षमा नहीं कर सकते. उसी वक्त वे न्याय करते हैं. वे अपराधियों को दंडित करते हैं. वीरता, दानशीलता, चोरों का जीवन बदलना, उनकी बत्तीय पुतलियों की घटना, बेताल पच्चीसी की घटना, उनकी सभी कहानियां प्रेरणादायक हैं.





RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular