
राहुल गांधी (फाइल फोटो)
कांग्रेस अब संगठनात्मक स्तर पर पार्टी में बड़ा सुधार कर रही है. इतिहास में पहली बार केंद्र और राज्य के पर्यवेक्षक मिलकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष तय करेंगे. राहुल गांधी अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत गुजरात से करेंगे, इसके लिए राहुल पर्यवेक्षकों की बैठक में कल (मंगलवार) अहमदाबाद में हिस्सा लेंगे.
कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए जिलाध्यक्षों को ताक़त देने और टिकट बंटवारे में उनकी बड़ी भूमिका का फैसला कर चुकी है. ऐसे में जिलाध्यक्षों का चयन उसके लिए खासा अहम हो गया है.
जिलाध्यक्ष बनाने की गाइडलाइन
इस प्रक्रिया के पायलट प्रोजेक्ट के लिए गुजरात को चुना गया है. राज्य के 43 जिलों के लिए 43 केंद्रीय पर्यवेक्षक और हर जिले के लिए प्रदेश कांग्रेस के 172 यानी हर जिले पर 4 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है. कांग्रेस और राहुल गांधी इस प्रोजेक्ट को लेकर इतने गम्भीर हैं कि, कल (15अप्रैल) सभी पर्यवेक्षकों की बैठक में खुद हिस्सा लेंगे और जिलाध्यक्ष बनाने की गाइडलाइन साझा करेंगे.
पीएम मोदी को गुजरात हराने की चुनौती
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने बताया कि गुजरात से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ये प्रक्रिया शुरू होगी और फिर पूरे देश में लागू होगी. दरअसल, लोकसभा में पीएम मोदी को गुजरात हराने की राहुल गांधी की चुनौती के बाद पार्टी खासी गम्भीर है. इसीलिए पहले अधिवेशन और फिर जिलाध्यक्षों के पायलट प्रोजेक्ट के लिए गुजरात को चुना है.
हिन्दू मुस्लिम के एजेंडे से दूर
शक्ति सिंह ने बताया कि संगठनात्मक ढांचे को दुरुस्तगी के साथ ही सरदार पटेल की लीगेसी, बेरोजगारी, महंगाई, किसान, गरीबी जैसे मुद्दों पर बड़े पैमाने पर फोकस करेगी, रणनीति ये है कि, जनता से जुड़े मुद्दों पर आगे बढ़ा जाए और बीजेपी के हिन्दू मुस्लिम के एजेंडे से दूर रहा जाए.