
तहव्वुर राणा को कसाब जैसे अंत का डर.
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से एनआईए के अधिकारी हर दिन करीब 8 से 10 घंटे पूछताछ कर रहे हैं. अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण के बाद शुक्रवार को जांच एजेंसी को उसकी 18 दिन की हिरासत मिली थी. तहव्वुर से जारी पूछताछ के बीच बड़ी जानकारी सामने आ रही है. जांच एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि एनआईए की हिरासत में तहव्वुर राणा को 26/11 के आतंकी कसाब जैसी कड़ी सजा का डर सता रहा है. करीब 16 साल अमेरिका की जेल में बंद रहने के बाद तहव्वुर राणा अब भारतीय कानून के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा है.
सूत्रों का कहना है कि तहव्वुर राणा बार-बार अधिकारियों से भारतीय न्यायिक प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल करने को लेकर बात करता है. कोर्ट के आदेश अनुसार, नियुक्त सरकारी वकील ने राणा से आधे घाटे हुई मुलाकात के दौरान उस पर यूएपीए के तहत लगे सारे आरोपों के बारे में जानकारी दी. राणा अपने खिलाफ लगे सेक्शन में कानून की एक-एक धारा के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहा है.
इस तरह के सवाल करता है तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा जानना चाह रहा है कि आगे की कानूनी प्रक्रिया किस तरीके से होगी और ट्रायल कब तक चलेगा. कानूनी टीम से मुलाकात के दौरान राणा ज्यादातर ये जानने की कोशिश कर रहा है कि उनके खिलाफ आगे की कानूनी प्रक्रिया क्या होगी. जांच एजेंसी एनआईए अभी तहव्वुर राणा से शुरुआती चरण की पूछताछ कर रही है. उसको अभी सुरक्षा कारणों की वजह से दिल्ली के बाहर ले जाने की कोई सुगबुगाहट नहीं है.
जांच एजेंसी तहव्वुर राणा को नमाज पढ़ने का वक्त देती है. तय नियमों के मुताबिक ही जांच एजेंसी उसको खाना देती है. दिल्ली की एक अदालत ने तहव्वुर हुसैन राणा को लेकर अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि तहव्वुर राणा ने दिल्ली समेत भारत के कई शहरों को आतंकी हमलों के लिए निशाना बनाने की साजिश रची थी. ये साजिश देश की सीमाओं से बाहर तक फैली थी. विशेष एनआईए जज चंद्रजीत सिंह ने 10 अप्रैल को पारित 12 पन्नों के आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद तथ्य ये बताते हैं कि ये साजिश न केवल भारत के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैली हुई थी.
साजिश उजागर करने के लिए पूछताछ जरूरी
उन्होंने कहा कि मामले की तह तक पहुंचने और गहरी साजिश के रहस्यों को उजागर करने के लिए हिरासत में पूछताछ जरूरी है. राणा को गवाहों, फोरेंसिक और दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी. अदालत ने ये भी निर्देश दिया कि एनआईए राणा की हर 48 घंटे में चिकित्सा जांच कराए. ताकि हिरासत के दौरान उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखी जा सके.
अदालत ने अमेरिका से प्रत्यर्पण के समय दिए गए आश्वासन से जुड़ी दलीलों पर भी विचार किया. इस केस में एनआईए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष सरकारी वकील नरेंद्र मान ने पैरवी की. सूत्रों के मुताबिक, 17 साल पुराने हमले की कड़ियों को जोड़ने और आतंकी नेटवर्क की गहराई से जांच करने के लिए एनआईए राणा को देश के विभिन्न प्रमुख स्थलों पर ले जा सकती है. इससे आतंकी साजिश की परतें और अधिक साफ हो सकती हैं.
10 पाकिस्तानी आतंकियों ने किया था हमला
बता दें कि तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. मुंबई हमले के दोषी अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी माना जाता है. उसे अमेरिका से प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत लाया गया है. 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था. इसमें 166 लोगों की जान गई थी. सैकड़ों घायल हुए थे. इस हमले के पीछे राणा और हेडली की साजिश को अहम माना जाता है.