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Thursday, March 27, 2025
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कोलकाता से बांग्लादेश के आतंकियों को फंडिंग, STF के खुलासे से बंगाल में हड़कंप


पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मेटियाब्रुज इलाके से बांग्लादेशी आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) को धन मुहैया कराया जा रहा है. हाल में मुर्शिदाबाद के हरिहरपाड़ा से एबीटी सदस्य मिनारुल शेख और मोहम्मद अब्बास अली को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि मटियाब्रुज इलाके से फंडिंग की जा रही है.

मिनारुल शेख और अब्बास अली को असम एसटीएफ ने दो महीने पहले मुर्शिदाबाद के हरिहरपाड़ा से पकड़ा था. बाद में संगठन के विस्फोटक विशेषज्ञ नूर इस्लाम, बांग्लादेशी नागरिक शाद रवि और अन्य को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद एसटीएफ ने इनसे गहन पूछताछ की.

एसटीएफ अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि लड़खड़ाते संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए धन कहां से आ रहा था? आरोपियों के मोबाइल फोन से कई ई-वॉलेट मिले हैं. ई-वॉलेट सूत्रों के अनुसार, ये खाते केरल के अलग-अलग पतों पर खोले गए हैं. इसमें मुर्शिदाबाद का पता भी है.

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मटियाब्रूज से हो रही एबीटी को फंडिंग

जांच के दौरान जानकारी मिली है कि केरल में काम करने जाने वाले लोग मिनारुल के खाते में पैसे का एक हिस्सा भेज रहे हैं. एक व्यक्ति डेढ़ से दो हजार रुपये भेज रहा था, लेकिन जिस तरह से संगठन फैला है और जिस तरह से नूर और शाद रवि विस्फोटक बनाने के लिए विभिन्न कच्चे माल खरीद रहे थे.

एसटीएफ अधिकारियों को आशंका है कि अकेले केवल केरल से पैसे नहीं आ रहा था. एसटीएफ की पूछताछ में आईईडी विशेषज्ञ नूर ने बताया कि कोलकाता के मटियाब्रुज इलाके से उनके पास पैसे आ रहे हैं. वहां एबीटी से सहानुभूति रखने वाले लोग पैसे मुहैया करा रहे हैं.

नूर ने जांचकर्ताओं को बताया कि मिनारुल और अब्बास उसके निर्देश पर 2024 में मेटियाब्रुज इलाके में गए थे. इस इलाके में इन दोनों आतंकियों का पहले से परिचित एक व्यक्ति है. उससे संपर्क कर इन दोनों ने बताया कि उन्होंने मुर्शिदाबाद में एबीटी को फिर से खड़ा करने का काम शुरू कर दिया है.

खारिजी मदरसा बनाने के लिए मांगा फंड

संगठन के सदस्यों के घर में या किसी के घर को किराए पर लेकर मदरसे बनाए जा रहे हैं और वहां ट्रेनिंग चल रही है, लेकिन वे जमीन खरीदकर खारिजी मदरसा बनाना चाहते हैं. इसके लिए उनके पास पैसे नहीं हैं.

दूसरी ओर भारत-बांग्लादेश की सीमा पर सख्त चौकसी है. इस कारण बांग्लादेश से पैसे नहीं आ रहे हैं. नूर के सुझाव पर मिनरुल ने एक पैड छापा. इसमें लिखा है कि खारिजी मदरसा के निर्माण में मदद करें. मिनरुल के जानकार और उसके करीबी कई व्यापारियों ने पैसे के बारे में बातचीत की, जब वे सहमत हो गए तो मिनारुल और सब्बीर को मेटियाब्रुज के निवासी अपने साथ ले गए. सूत्रों के मुताबिक, वहां से वे पांच लाख रुपये लेकर मुर्शिदाबाद लौट आए. बाद में कई बार और आए और पैसे ले गए.

खगरागढ़ विस्फोट में जेएमबी को हुई थी फंडिंग

जांच में पता चला है कि खगरागढ़ विस्फोटों के दौरान मेटियाब्रुज के कई व्यापारियों ने जेएमबी को पैसे से मदद की थी. जासूसों को संदेह है कि यह इलाका एबीटी को बढ़ावा देने के लिए धन मुहैया करा रहा है. भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंगाल आतंकवादियों का गढ़ नहीं, बल्कि मुख्य आधार है.

उन्होंने कहा किममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति ने एक खास समुदाय को पश्चिम बंगाल में स्वर्ग जैसा अहसास कराया है, इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि एसटीएफ को यहां क्या पता चला है. उनकी जड़ें बहुत गहरी हैं और उसे उखाड़ा नहीं जा सकता.

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है.

इनपुटः रवि दत्ता





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