हार्ट डिजीज
अगर आप एयरपोर्ट के आसपास रहते हैं तो आपको यह खबर जरूर पढ़ना चाहिए. एयरपोर्ट के नजदीक रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा होता है. हाल ही में हुए एक शोध में इसका खुलासा हुआ है. रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों का घर एयरपोर्ट के नजदीक है, उनमें हार्ट अटैक होने की संभावना बाकी लोगों की अपेक्षा अधिक होती है. इसका मुख्य कारण एयर पॉल्यूशन और तेज आवाज है. प्रदूषण और तेज आवाज से दिल की बीमारी बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है.
रिसर्च में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि यह सिर्फ बुजुर्गों तक ही नहीं सीमित है, बल्कि युवाओं पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है. लंबे समय तक इस तरह के शोर में रहने से दिल का दौरा (हार्ट अटैक) और अन्य हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.
10% से 20% लोगों में दिल की बीमारी
जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, हवाई अड्डों के पास शोरगुल में रहने वाले लोगों के दिल की संरचना और कार्यक्षमता उन लोगों की तुलना में 10% से 20% खराब पाई गई, जो इन क्षेत्रों से दूर रहें.
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड को एक अध्ययन में यह पता चला है कि एयरपोर्ट के पास रहने वाले लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. यह समस्या मुख्य रूप से ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के कारण होती है, जो हवाई जहाज के उड़ान भरने, लैंडिंग और एयरपोर्ट से जुड़े यातायात से उत्पन्न होती हैं.
क्या कहते हैं डॉक्टर
पीएसआरआई हॉस्पिटल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ रवि प्रकाश का कहना है कि एयरपोर्ट के पास लगातार शोर और प्रदूषण के संपर्क में रहने से शरीर तनावग्रस्त हो जाता है. जिससे दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे लोगों में दिल का दौरा, स्ट्रोक और अनियमित हृदयगति रुकने की आशंका ज्यादा होती है.
ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव
हवाई जहाज और यातायात से निकलने वाली आवाजें 24 घंटे तक लोगों के कानों तक पहुंचती हैं, जिससे दिमाग में तनाव पैदा होता है. साथ ही शोर-शराबों से ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है.
वायु प्रदूषण के प्रभाव
हवाई अड्डे के आसपास वायु प्रदूषण भी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार है. हवाई जहाज से निकलने वाली जहरीली गैसें और यातायात से निकलने वाले धुएं से ज्यादातर लोग बीमार पड़ रहे हैं. वायु प्रदूषण के कारण लोगों के फेफड़ों और दिल पर नकारात्मक असर पड़ रहे हैं. अधिकांश लोग सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं.