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Friday, January 24, 2025
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Annapurna Jayanti 2024: दिसंबर में अन्नपूर्णा जयंती कब है? अभी जान लें सही तारीख और महत्व


Annapurna Jayanti 2024: दिसंबर में अन्नपूर्णा जयंती कब है? अभी जान लें सही तारीख और महत्व

अन्नपूर्णा जयंती 2024

Annapurna Jayanti 2024 kab hai: हिंदू धर्म में अन्नपूर्णा जयंती का पर्व मां अन्नपूर्णा को समर्पित होता है. हर साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है. इस दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा-आराधना करने से घर में धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है. अन्नपूर्णा जयंती के दिन विधि-विधान से माता अन्नपूर्णा की पूजा करने से जीवन के कई दुख दूर होते हैं. अन्नपूर्णा जयंती के दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा के साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है.

धार्मिक मान्यता है कि अन्नपूर्णा जयंती के दिन पूजा करने और इस व्रत को करने पर मां अन्नपूर्णा की कृपा बरसती है और उनकी कृपा से अन्न-धन के भंडार हमेशा भरे रहते हैं. ऐसे में चलिए जान लेते हैं कि साल 2024 में अन्नपूर्णा जयंती कब है और अन्नपूर्णा जयंती के दिन क्या करना चाहिए.

अन्नपूर्णा जयंती 2024 में कब है? (Annapurna jayanti 2024 date)

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर की शाम 4 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी. वहीं, इस पूर्णिमा की समाप्ति 15 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी.

अन्नपूर्णा जयंती के दिन क्या करना चाहिए? (what to do on annapurna jayanti)

  • अन्नपूर्णा जयंती के दिन सुबह स्नान के बाद साफ कपड़े पहनने चाहिए.
  • इसके बाद पूजा घर को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए.
  • अगर इस दिन व्रत रखने वाले हैं, तो व्रत का संकल्प लें.
  • पूजा स्थल पर माता अन्नपूर्णा की मूर्ति या तस्वीर पूजा स्थल पर रखें.
  • इसके बाद माता के सामने धूप और दीपक जलाना चाहिए.
  • पूजा के लिए कुमकुम, हल्दी, अक्षत, नैवेद्य, तुलसी पत्र रखें.
  • भोग के रूप में हलवा, पूड़ी और सब्जी बनानी चाहिए.
  • पूजा के दौरान मां अन्नपूर्णा के स्तोत्र और मंत्रों का जप करना चाहिए.
  • साथ ही अक्षत, पुष्प आदि भी माता को चढ़ाने चाहिए.
  • पूजा पूरी होने के बाद घर के लोगों में आपको प्रसाद बांटना चाहिए.
  • पूजा में माता के मंत्र ‘ॐ अन्नपूर्णायै नमः’ का 108 बार जप करना चाहिए.
  • पूजा के बाद सामर्थ्य अनुसार अन्न, वस्त्र जरूरतमंदों को दान करना चाहिए.





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