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Sunday, October 6, 2024
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US: उपराष्ट्रपति पद के कैंडिडेट टिम वॉल्ज और जेडी वेंस के डिबेट की बड़ी बातें


US: उपराष्ट्रपति पद के कैंडिडेट टिम वॉल्ज और जेडी वेंस के डिबेट की बड़ी बातें

अमेरिका में जेडी वेंस और वॉल्ज आमने सामने

जब 1 अक्टूबर 2024 की मंगलवार रात ईरान इजरायल पर ताबड़तोड़ कई मिसाइलें दाग रहा था तो अमेरिका में भी एक अहम इवेंट की तैयारी चल रही थी. महज 5 हफ्ते में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिहाज से. मौका था वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट का. जिसमें आमने सामने थे- डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, मिनेसोटा के गवर्नर टिम वॉल्ज और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से ओहायो के सीनेटर जेडी वेंस.

अब चूंकि मिडिल ईस्ट के हालिया क्राइसिस से अमेरिका सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है तो इस मसले पर उस व्यक्ति का रूख काफी मायने रखता है जो अगले महीने उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभालने वाला है. लिहाजाडिबेट का पहला सवाल ईरान इजरायल के बीच बढ़ते तनाव से ही जुड़ा था.

कई और भी मुद्दे थे जिस पर दोनों में जमकर बहस हुई. डिबेट के बाद हुए पोल्स में डोनाल्ड ट्रम्प के साथी उम्मीदवार जेडी वेंस को जीता बताया गया. CBS यूगॉव पोल के मुताबिक 42% लोगों ने वेंस को डिबेट का विजेता माना है. वहीं, 41% लोगों ने माना कि टिम वॉल्ज की जीत हुई. 17% लोगों ने माना कि मुकाबला बराबरी पर रहा. वेंस के अच्छे प्रदर्शन से माना जा रहा है कि रिपब्लिकन नेताओं का उत्साह बढ़ सकता है.

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आइए एक नजर इस डिबेट से जुड़े कुछ खास बिंदुओं पर डालते हैं…

ईरान-इजरायल से हुई शुरुआत

डिबेट की शुरुआत मिडिल ईस्ट संकट से हुई. डिबेट के मॉडरेटर मार्गरेट ब्रेनन ने सवाल किया कि अगर इजरायल इस हमले का जवाब देता है तो क्या दोनों उम्मीदवार इजरायल का समर्थन करेंगें? दोनों उम्मीदवारों ने इजरायल का समर्थन किया.

वॉल्ज ने कहा कि अमेरिका को मिडिल ईस्ट में अपनी मौजूदगी बनाई रखनी चाहिए. फिर सीधे डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि ट्रंप के चलते ईरान अब परमाणु हथियार रखने के करीब है. उन्होंने कहा कि JCOPA समझौते की वजह से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगी हुई थी लेकिन ट्रंप ने उसे खत्म कर दिया.

दरअसल आज से 9 साल पहले यानी 2015 में ईरान परमाणु समझौता (ज्वाइंट कंप्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन-JCPOA) साइन हुआ था. इसके मुताबिक ईरान को अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को सीमित करना था. इसके बदले उस पर सारे आर्थिक प्रतिबंधों में कुछ छूट दी गई थी. लेकिन साल 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने JCPOA समझौते से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद खबर सामने आई कि ईरान चोरी छुपे परमाणु शक्ति को बढ़ाने में लगातार काम कर रहा है.

तो वहीं जेडी वेंस ने ट्रंप की सरहाना करते हुए कहा कि अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने अमेरिका की ताकत बढ़ाई और दुनिया में शांति कायम रखी.

इमिग्रेशन का मुद्दा भी रहा हावी

इमिग्रेशन अमेरिका के चुनाव में एक ऐसा मुद्दा है जिस पर बहस होनी ही थी. राष्ट्रपति पद के लिए अब तक जो दो डिबेट हो चुके हैं उसमें भी ये विषय काफी छाया रहा.

इस विषय पर वेंस से ट्रंप के प्लान के बारे में पूछा गया तो वो एक बार फिर सवाल टालने की कोशिश करते नजर आए. दावा किया कि यूएस में ढाई करोड़ अवैध शर्णार्थी हैं. फिर आरोप लगाया कि कमला हैरिस की बॉर्डर नीतियों की वजह से अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी बर्बाद हो गई है.

उधर वॉल्ज ने हर समस्या के लिए प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए रिपब्लिकन पार्टी की आलोचना की. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने का वादा किया था लेकिन उनके कार्यकाल में 2 फीसदी सीमा पर भी दीवार नहीं लगाई जा सकी. इस मुद्दे के दौरान एक समय तो मामला इतना गरमा गया कि मॉडरेटर बीच में आ गए और उन्होंने माइक भी बंद कर दिया, जो कि बहस के दौरान नहीं होना था.

अबॉर्शन पर वेंस का नर्म रुख

गर्भपात का अधिकार, 2024 के चुनाव में एक टॉप मुद्दा रहा है और वाइस प्रेसिडेशियल डिबेट में भी ये छाया रहा. दोनों उम्मीदवारों के बीच इसपर जमकर बहस हुई. टिम वॉल्ज ने अबॉर्शन पर बैन के लिए वेंस और ट्रंप की आलोचना की. उन्होंने कहा कि ट्रंप अबॉर्शन पर बैन लगाने के पक्ष में रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने अबॉर्शन के अधिकार को पलटने का जो फैसला दिया था, उसमें भी ट्रंप का हाथ था. उन जजों की नियुक्ति में ट्रंप का बड़ा रोल था.

वहीं वेंस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया. वेंस ने कहा कि इस मुद्दे पर उनकी राय बदल गई है. उन्होंने पहले गर्भपात पर कुछ तरह के नेशनल बैन का समर्थन किया था जब उन्होंने देखा कि ओहायो के अधिकांश मतदाताओं ने गर्भपात तक पहुंच का समर्थन किया है तो उनकी सोच इस मुद्दे को लेकर काफी बदल गई है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी को इस मुद्दे पर अमेरिकी लोगों का विश्वास वापस हासिल करने के लिए बहुत बेहतर करना होगा.

हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना ​​है कि गर्भपात अधिकारों पर, वाल्ज़ डिबेट में मजबूत बनकर उभरे क्योंकि उन्होंने गर्भपात तक पहुंच में आने वाली समस्याओं या यौन हिंसा से प्रभावित होने वाली महिलाओं और लड़कियों के उदाहरण साझा किए.

इकॉनमी और गन वायलेंस पर भी हुई बहस

टिम वॉल्ज ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी को मिडिल क्लास की चिंता है. पार्टी की ये कोशिश रहेगी कि मिडिल क्लास के कंधो से टैक्स का बोझ कम हो. वहीं जेडी वेंस ने अमेरिका की इकॉनमी की हालात को बदतर बताया. जब उनसे पूछा गया कि वो क्या करेंगे इसे सुधारने की तो उन्होंने कहा कि हम आम लोगों से बातचीत से हल निकालेंगें.

अमेरिका का गन क्लचर हमेशा से विवादों में रहा है. बहस में कुछ देर इस विषय पर भी दोनों उम्मीदवारों ने अपनी राय रखी. जेडी वेंस ने कहा कि मेंटल हेल्थ और नशीली दवा का इस्तेमाल बंदूक से होने वाली मौतों की एक बड़ी वजह है. वहीं टिम वॉल्ज ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी सत्ता में आती है तो वो बंदूक खरीदने वाले लोगों का बैकग्राउंड की जांच पर जोर देगी.

ट्रंप का बहस में जिक्र बार बार आया

कई एक्सपर्ट का कहना है कि भले ही अलग मुद्दों पर वेंस और वॉल्ज अपनी राय रख रहे थे लेकिन उनके रनिंग मेट्स की चर्चा ज्यादा थी. एएफपी के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि दोनों उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच बहस के दौरान ट्रम्प का नाम 80 से अधिक बार आया – हैरिस की तुलना में दोगुना. दोनों ने एक दूसरे के प्रतिद्विंदी पर निशान साधने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.

वेंस से ट्रम्प के झूठे दावों के बारे में पूछा गया कि 2020 के चुनाव में “धांधली” हुई थी. मॉडरेटर ने वेंस की पिछली टिप्पणियों को भी उठाया जिसमें वेंस ने कहा था कि अगर वह उस समय उपराष्ट्रपति होते तो 2020 के चुनाव परिणामों को कभी स्वीकार नहीं करते. वेंस ने ट्रम्प के प्रति अपना समर्थन बरकरार रखते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने 6 जनवरी 2021 को – कैपिटल दंगे के दिन – प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्वक विरोध करने के लिए कहा था.



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