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Sunday, October 6, 2024
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MUDA घोटाले में ईडी ने शुरू की जांच, बयान दर्ज करने के लिए शिकायतकर्ता को भेजा समन


MUDA घोटाले में ईडी ने शुरू की जांच, बयान दर्ज करने के लिए शिकायतकर्ता को भेजा समन

MUDA घोटाले में ईडी ने शुरू की जांच.

मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले में ईडी ने ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. ईडी ने शिकायतकर्ता स्नेहमयाई कृष्णा के बयान दर्ज करने के लिए समन भेजा है. 3 अक्टूबर की सुबह 11 बजे ईडी के बेंगलुरु दफ्तर में बयान दर्ज होंगे. आरोप है कि कर्नाटक के सीएम की पत्नी को 2011 में कथित तौर पर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण की तरफ से तमाम नियमों को ताक पर रखकर 14 हाउसिंग साइट दी गई थीं.

पिछले हफ्ते कर्नाटक लोकायुक्त ने सीएम सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था. विशेष अदालत ने भी मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. लोकायुक्त पुलिस ने स्नेहमयी कृष्णा की शिकायत के आधार पर एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. कृष्णा ने ईडी से इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की भी जांच करने का अनुरोध किया था.

मुझे नहीं पता कि किस आधार पर मामला दर्ज किया गया

इस मामले में सीएम सिद्धरमैया ने मंगलवार को ईडी द्वारा उनके खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज करने पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण मामले में इसके प्रावधान लागू नहीं होते. मुझे नहीं पता कि यह किस आधार पर मामला दर्ज किया गया है. यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता. इसकी वजह ये है कि ली गई जमीन के बदले में भूखंड दिया गया था.

पुलिस इसके लिए एमयूडीए के आयुक्त को गिरफ्तार करे

वहीं, जेडीएस नेता एचडी. कुमारस्वामी ने सीएम सिद्धरमैया की पत्नी को आंवटित 14 भूखंडों को वापस लेने के एमयूडीए के फैसले पर बुधवार को सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि ये सबूतों को नष्ट करने जैसा है. मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस इसके लिए एमयूडीए के आयुक्त को गिरफ्तार करे.

मुख्यमंत्री का परिवार यह कैसे कह सकता है?

कुमारस्वामी ने सीएम पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में सिद्धरमैया ने कहा है कि ये जमीन उनके परिवार की है. संपत्ति अब अदालत के अधीन है. मुख्यमंत्री का परिवार कैसे कह सकता है कि वो जमीन वापस देना चाहता है. कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई. विजयेंद्र ने भी आयुक्त के फैसले पर हैरानी जताई है. उन्होंने इसे अवैध करार दिया है.



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