पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ (फाइल)
पाकिस्तान में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है. अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज बुधवार को जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता और पूर्व पीएम इमरान खान पर खैबर पख्तूनख्वा तथा पंजाब के लोगों के बीच दरार पैदा करने का प्रयास करने का गंभीर आरोप लगाया.
लाहौर में आयोजित एक समारोह में 74 साल के नवाज शरीफ ने इमरान खान पर हमला करते हुए कहा, “आप खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब के बीच टकराव को भड़काना चाहते हैं. आप मध्य एशिया के उन आक्रमणकारियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं जो पुराने समय में पंजाब पर हमला किया करते थे. प्रांत के लोगों को पंजाब राज्य पर हमला करने के लिए उकसाने की जगह, आपको उनकी सेवा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.”
अपने वादों में नाकाम रहे इमरानः नवाज शरीफ
नवाज शरीफ ने इमरान के नाकाम वादों की आलोचना करते हुए कहा, “जो लोग भेड़-बकरी की तरह आपकी अंधभक्ति करते हैं, उन्हें आपसे पूछना चाहिए कि आपकी ओर से अपने कार्यकाल के दौरान जिन 50 लाख घरों का वादा किया गया था, वे कहां हैं.”
71 साल के पूर्व पीएम इमरान पिछले साल अगस्त से जेल में बंद हैं और उन पर कई मामले दर्ज हैं. उनकी पार्टी पीटीआई उनकी रिहाई की मांग करते हुए लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है. साथ ही यह दावा भी कर रही है कि सरकार को संविधान और न्यायपालिका की आजादी का पालन करना चाहिए. नवाज ने इमरान के खराब शासन की भी आलोचना की, खासकर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में, जहां उनकी पार्टी इस समय सत्ता में है.
पंजाब सरकार ने प्रदर्शन पर लगाई रोक
पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने अपने आरोप में कहा, “इमरान का प्रदर्शन 0 था और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में उनकी पार्टी की सरकार होने के बावजूद, वे लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके. उनका ध्यान बस विरोध करना और सड़क पर दंगे करने पर लगा हुआ था.” 3 बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज ने कहा कि इमरान जैसे तत्वों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.
पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने कल मंगलवार को “आतंकवादी हमलों” का हवाला देते हुए कई जिलों में सभी प्रकार की सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगा दी है, जबकि एक दिन पहले इमरान खान ने संवैधानिक संशोधन को रोकने के लिए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसके बारे में उनकी पार्टी का दावा है कि इससे न्यायपालिका कमजोर होगी.
इमरान खान ने सोमवार को न्यायपालिका की आजादी के लिए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. इससे पहले पीटीआई ने दावा किया था कि सरकार जजों की रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल तय करने के लिए संशोधन लाने की योजना बना रही है.