स्पीति घाटीImage Credit source: Sundeep Bhardwaj/Moment/Getty Images
ट्रैकिंग करना आजकल बहुत लोगों को पसंद है. ये प्रकृति के करीब जाने और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने का एक बेहतरीन तरीका है. ट्रैकिंग के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों, जंगलों, और प्राकृतिक सुंदरता में चलने का अवसर मिलता है. जहां हम ताजगी भरे वातावरण का आनंद ले सकते हैं. भागदौड़ और टेंशन के बीच कुछ समय के लिए घूमने या ट्रैकिंग पर जाना और वातावरण के बीच समय बिताना मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है. जब हम प्रकृति के करीब होते हैं, तो हमें प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने का मौका मिलता है जो जिससे पॉजिटिविटी मिलती है.
लंबी ट्रैकिंग में कई दिनों तक चलना पड़ सकता है. उच्च ऊंचाई की ट्रैकिंग में पर्वतों की चढ़ाई शामिल होती है, जो व्यक्ति के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकती है. जिसके लिए विशेष तैयारी की आवश्यकता जरूरी होती है.
खीरगंगा ट्रैक
धार्मिक स्थल खीरगंगा ट्रैकिंग के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. ये समुद्र तल से लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. खीरगंगा से होते हुए आप पिन पार्वती पास की चढ़ाई की जा सकती है. यहां बहुत से पर्यटक जाते हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का एक कारण बनते हैं. अक्टूबर का समय यहां जाने के लिए सही रहेगा. यहां ट्रैकिंग के लिए बहुत से रास्ते हैं. आप यहां पहुंचने के लिए स्थानीय गाइड ले सकते हैं.
डोडीताल ट्रैक
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित डोडीताल भी ट्रैकिंग के लिए बहुत लोकप्रिय है. संगम पट्टी गांव से से इसकी शुरुआत होती है. ट्रैकिंग के समय बर्फ से लदे हुए पेड़, गंगोत्री घाटी की चोटियां दिखाई देंगे. रास्ते में आने वाले कुछ गांव मेंरात बिता सकते हैं.
कुंजा खड़क ट्रैक
उत्तराखंड में कुंजा खड़क ट्रैक की शुरुआत पंगोट से होती है. देवदार के बड़े-बड़े पेड़ों के बीच जंगल से होकर ट्रैक पर जाने के सफर को आप इंजॉय कर सकते हैं. कुंज सड़क पर राप्ती नदी दिखेगी, जो नेपाल और भारत की सीमा को बांटता है. अक्टूबर इस जगह की ट्रैकिंग के लिए सबसे बेस्ट रहेगा.
सीताबनी ट्रैक
उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट में सीताबनी मंदिर से इस ट्रैक की शुरुआत होती है और भोला मंदिर पर जाकर ये ट्रेक समाप्त होता है. ये घने जंगलों के बीच 8 से 10 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी होगी. रास्ते में घने पेड़ों के अलावा जंगली जानवर जैसे कि शेर, हाथी और भूल दिखाई दे सकते हैं. इसलिए यहां जाते समय कई सावधानी बरतनी चाहिए. आप लोकर गाइड को साथ में लेकर जरूर जाना चाहिए.
बिनसर जीरो पॉइंट
उत्तराखंड काबिनसरभी ट्रैकिंग के लिए एकदम परफेक्ट है. यहां प्रकृति के सुंदर दृश्य के साथ ही आपको कई तरह के पक्षी देखने को मिलेंगे. ये ट्रैकबिनसरवन्यजीव अभयारण्य से होकर जाता है और ये काफी आसान ट्रैक है.
ट्रैकिंग से पहले बहुत सी तैयारी की जानी चाहिए सबसे पहले तो मेडिकल हेल्थ चेकअप करवाना बहुत जरूरी है. इसके बाद सही कपड़ों का चयन, पर्याप्त मात्रा में पानी और खाना लेना और ट्रैकिंग के रास्ते के बारे में पूरी जानकारी लेना जरूरी है. आरामदायक जूते और मौसम के मुताबिक जगह प्लान करना जरूरी है. इसके अलावा, एक मेडिकल किट भी साथ ले जाना चाहिए, क्योंकि कभी-कभी चोट लगने की संभावना रहती है.