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Saturday, September 7, 2024
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मंकीपॉक्स वायरल कितना खतरनाक है, WHO को क्यों घोषित करना पड़ा ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी | Monkeypox Outbreak 2024: Symptoms, Global Emergency Status, and How to Protect Yourself


मंकीपॉक्स वायरल कितना खतरनाक है, WHO को क्यों घोषित करना पड़ा ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी

मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गयाImage Credit source: David Talukdar/Moment/Getty Images

WHO ने मंकीपॉक्स वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. साल 2022 के बाद अब दूसरी बार इस बीमारी को वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य आपातकाल बताया गया है. यह फैसला अफ्रीका में मंकीपॉक्स वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया है. इस साल अफ्रीका में मंकीपॉक्स के करीब 30 हजार मामले दर्ज किए गए हैं और 600 मौतें हुई है. साल 2022 में जब इस वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था तब यह बीमारी 116 देशों में फैली थी और करीब 1 लाख मामले दर्ज किए गए थे.

अब फिर से मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, हालांकि इस बार अफ्रीका में ही अधिक केस आ रहे हैं. लेकिन बढ़ते खतरे को देखते हुए अभी से WHO ने दुनिया के सभी देशों को अलर्ट कर दिया है. आशंका जताई जा रही है यह बीमारी अफ्रीका के अलावा दूसरे महाद्वीपों तक भी फैल सकती है. साल 2022 के बाद से ही मंकीपॉक्स के कुछ मामले आ रहे हैं, लेकिन केस कम थे तो इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया. पिछले साल भी अमेरिका और चीन में मंकीपॉक्स के केस आए थे. इसके बाद 2024 की शुरुआत से ही अफ्रीका के देशों में मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

क्या है मंकीपॉक्स वायरस?

मंकीपॉक्स को एक वायरस के कारण होने वाली बीमारी है. इससे चकत्ते और फ्लू जैसे लक्षण सामने आते हैं यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का एक वायरस है एमपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क से फैलता है. यह आपको किसी संक्रमित जानवर से भी हो सकता है. हालांकि अधिकतर मामलों में यह बंदरों से इंसानों में फैलता है. एमपॉक्स वायरस के दो स्ट्रेन हैं – एक जो मध्य अफ्रीका से आया है (क्लेड I) और एक जो पश्चिम अफ्रीका से आया है (क्लेड II). इस समय क्लेड II के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. यह स्ट्रेन तेजी से फैलता है और इसमें मौत की आशंका भी अधिक होती है.

एमपॉक्स किसे संक्रमित करता है

एमपॉक्स वायरस किसी भी व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है. अफ़्रीका में ज़्यादातर मामले 15 साल से कम उम्र के बच्चों में आते हैं. यह रोग पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों (एमएसएम) में अधिक होता, लेकिन ऐसे लोगों में भी इसके कई मामले हैं जो इस श्रेणी में नहीं आते हैं. गर्भवती महिलाओं में भी इस बीमारी के मामले सामने आते हैं. यह संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध से भी फैलता है और संक्रमित की लार, या स्किन के संपर्क में आने से भी फैलता है.

मंकीपॉक्स क्या फिर से बनेगा खतरा?

महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर बताते हैं की कोई भी वायरस कभी खत्म नहीं होता है. इसकी संक्रामकता दर में कमी जरूर आती है. 2022 में मंकीपॉक्स दुनियाभर में फैला था. इसके बाद मामले कम होने लगे थे, लेकिन यह वायरस खत्म नहीं हुआ था. अब फिर से केस बढ़ रहे हैं ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है. चूंकि वायरस का दूसरा स्ट्रेन के केस ज्यादा आ रहे हैं ऐसे में आशंका है की यह अफ्रीका के बाहर दूसरे देशों में भी फैल सकता है. ऐसे में सतर्क रहकर सभी सावधानी बरतने की जरूरत है.

एमपॉक्स के लक्षण क्या हैं?

  • बुखार
  • सूजी हुई लिम्फ नोड्स.
  • ठंड लगना.
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • थकान

मंकीपॉक्स का क्या है इलाज?

एमपॉक्स आमतौर पर कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है. लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है और मौत का कारण बन सकता है. इस बीमारी के लिए कोई निर्धारित दवा या वैक्सीन नहीं है ऐसे में लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जाता है. डॉक्टर टेकोविरिमैट जैसी एंटीवायरल दवाएं मरीज को दे सकता है.

Mpox से कैसे करें बचाव

  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं
  • जिन देशों में यह वायरस फैला है वहां जाने से बचें
  • फ्लू के लक्षण के साथ चेहरे पर दाने निकल रहे हैं तो डॉक्टर से मिले
  • असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं.



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