कोरबा है कांग्रेस का किलाImage Credit source: tv9 भारतवर्ष
देश के 543 और छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्र में से एक कोरबा लोकसभा क्षेत्र है. यह लोकसभा क्षेत्र 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया है. इसके बाद 2009 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ, तब कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की. कांग्रेस पार्टी के चरण दास महंत कोरबा लोकसभा सीट के पहले सांसद बने. इससे पहले कोरबा लोकसभा सीट जांजगीर लोकसभा सीट का हिस्सा था. यह वही जांचगीर लोकसभा सीट हैं जहां से बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने साल 1984 में जांजगीर सीट से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. हालाकि उन्हें तब हार का सामना करना पड़ा था.
जांचगीर लोकसभा से पहले सांसद अमर सिंह सहगल थे. 2009 में कोरवा लोकसभा बनने के बाद चरण दास महंत, फिर 2014 में बीजेपी डॉ बंशीलाल महतो फिर 2019 में कांग्रेस पार्टी के ज्योत्सना चरण दास यहां से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए हैं.
ज्योत्सना चरण दास महंत पहले सांसद
ज्योत्सना चरण दास महंत को 46.03 मत मिले थे. जबकि बीजेपी के ज्योति नंद दुबे को 43.72 प्रतिशत वोट मिले थे. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी यानि जीजीपी के उम्मीदवार जो तीसरे स्थान पर थे तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम 3.29 वोट मिले. तीसरे स्थान पर यहां नोटा और चौथे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के परमीत सिंह को 1.40 प्रतिशत वोट मिले थे.
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2019 में 26349 वोटों से कांग्रेस की जीत
कांग्रेस नेता ज्योत्सना चरण दास महंत ने एक कड़े मुकाबले में बीजेपी के ज्योति नंद दुबे को 26,349 वोटों से हराया था. ज्योत्सना चरण दास महंत को जहां 523,410 वोट मिले वहीं बीजेपी के ज्योति नंद दुबे को 4,97,061 वोट मिले थे. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम37,417 तो वहीं पांचवे स्थान पर रहे बीएसपी के परमीत सिंह 15880 वोट मिले. बीएसपी उम्मीदवार को यहां नोटा 19,305 से भी कम वोट मिले थे.
2014 में बीजेपी के बंशीलाल की जीत
इससे पहले 2014 में बीजेपी के डॉ बंशीलाल महतो ने कांग्रेस के चरण दास महंत को एक नजदीकी मुकाबले में 4,265व वोटों से हराया था. बंशीलाल महतो को जहां 4,39,002 वोट मिले थे वहीं चरण दास महंत को 4,34,737 वोट मिले.यहां तीसरे स्थान पर रहे जीजीपी के हीरासिंह मरकाम को 52,753 वोट मिले. चौथे स्थान पर रहे आईएनडी के जीवन लाल रौतेल को 18,459 वोट मिले जबकि पाचवें स्थान पर यहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमर नाथ पांडे थे उन्हें तब 14594 वोट मिले थे.
2009 में कांग्रेस पार्टी ने की पहली जीत
परिसीमन के बाद बने कोरबा लोकसभा क्षेत्र में पहली बार 2009 में चुनाव हुआ था. तब कांग्रेस पार्टी के चरण दास महंत ने बीजेपी के करुणा शुक्ला को 20737 वोटों से हराया था. कांग्रेस पार्टी के चरण दास महंत को जहां 3,14,616 वोट मिले थे वहीं करुणा शुक्ला को 2,93,879 वोट मिले जीजीपी के हीरा सिंह मरकाम यहां तीसरे स्थान पर रहे जबकि निर्दलीय शंभू प्रसाद शर्मा एडवोकेट 23,136 वोट लाकर चौथे स्थान पर रहे थे.
कोरबा लोकसभा वोट गणित
कोरबा लोकसभा में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिनमें मरवाही, रामपुर, पाली-तानाखार, कटघोरा, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, भरतपुर-सोनहत और कोरबा शामिल है. इन विधानसभा क्षेत्रों में पांच विधानसभा क्षेत्र कोरबा जिले की जबकि तीन विधानसभा क्षेत्र अविभाजित कोरिया जिले की शामिल हैं. कोरबा जिले का गठन 25 मई 1998 को किया गया था. यह एक आदिवासी बहुसंख्यक जिला है. सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन होने की वजह से कोरबा को छत्तीसगढ़ राज्य का पावर कैपिटलव भी कहा जाता है. यह जिला बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आता है और मुख्य रूप से आदिवासी द्वारा संरक्षित जनजाति कोरवा (पहाड़ी कोरवा) का बसाया हुआ है.
कोरबा लोकसभा क्षेत्र में कुल 15,08,840 मतदाता है. इससे पुरुष मतदाता की संख्या 7,49,560 है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 7,59,225 है. यहां थर्ड जेंडर निर्वाचक कुल 55 हैं. कोरबा में 2019 में हुए मतदान का कुल मतदान प्रतिशत 75.35% था. बीजेपी ने यहां सरोज पांडे को टिकट दिया है तो कांग्रेस पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद को एकबार फिर से मैदान में उतारा है.
सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन
छत्तीसगढ़ का कोरबा राज्य के लिए सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन करता है. यहां पर राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी और एनटीपीसी के अलावा कई निजी कंपनियों के भी प्लांट हैं. इसके साथ ही यहां एशिया के सबसे बड़े खुले कोयला खदान गेवरा माइंस है. इसके साथ ही भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम संयंत्र भारत एल्युमिनियम कंपनी बालको भी यहीं है. कोरबा के सतरेंगा पहाड़ और झील को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.