गुंटूर लोकसभा सीट
आंध्र प्रदेश की गुंटूर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व रहा है. इस सीट पर कांग्रेस 12 बार जीत दर्ज कर चुकी है, लेकिन तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने उसके किले में सेंध लगा दी है. यहां से पार्टी चार बार जीत चुकी है. अब इस सीट पर लड़ाई श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (YSRCP) और टीडीपी के बीच है. दोनों ही पार्टियां चुनावी अखाड़े में पसीना बहा रही हैं. टीडीपी के पास हैट्रिक लगाने का मौका है, जबकि वाईएसआरसीपी अपना खाता खोलने के लिए पूरा दमखम झोंक रही है.
गुंटूर लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था, जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी और चुनकर लोकसभा में पहुंचा था. गुंटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें हैं, जिसमें पोन्नुरु, तेनाली, ताड़ी कोंडा, मंगलागिरी, प्राथीपाडु, गुंटूर पश्चिम और गुंटूर पूर्व शामिल हैं. ये सीट गुंटूर जिले के तहत ही आती है और इस जिले का गठन 1989 में हुआ था. ये जिला आंध्र प्रदेश के केंद्र में स्थित है और इसके आसपास 9 शहर हैं. यह जिला कुल 198.7 किलोमीटर वर्ग में फैला हुआ है और ये सूबे का तीसरा सबसे बड़ा शहर है.
गुंटूर में एशिया का सबसे बड़ा मिर्च बाजार यार्ड
गुंटूर को आंध्र प्रदेश का दिल भी कहते हैं. यहां मिर्च, कपास और तंबाकू का निर्यात किया जाता है. साथ ही साथ गुंटूर में एशिया का सबसे बड़ा मिर्च बाजार यार्ड भी है. इसके अलावा, ये ट्रांसपोर्टेशन, शिक्षा, मेडिकल और कमर्शियल का हब भी है. गुंटूर से राजधानी अमरावती की दूरी लगभग 32 किलोमीटर है. यहां से ट्रेन और स्टेट रोडवेज की बसें उपलब्ध हैं और हर दिन लगभग एक लाख लोग स्टेट रोडवेज से सफर करते हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक, गुंटूर जिले की जनसंख्या 2045816 है. यहां 49.79 फीसदी आबादी गांव में रहती है और 50.21 फीसदी आबादी शहर में रहती है. यहां पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा हैं. आंकड़ों के मुताबिक, 1000 पुरुषों पर 1004 महिलाएं हैं. यहां शेयरिंग पर चलने वाले ऑटो रिक्शा सबसे सस्ता यातायात साधन है और छात्रों और कामकाजी लोगों के लिए उपयुक्त है.
गुंटूर लोकसभा सीट पर कौन पार्टी कब जीती?
गुंटूर लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था, जिसमें एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. इसके बाद कांग्रेस ने 1957 से 1989 तक लगातार 8 चुनाव इस सीट पर जीते. टीडीपी ने 1991 में पहली बार कांग्रेस को करारा झटका दिया और उसकी चूलें हिला दीं, लेकिन वह जीत को बरकरार नहीं रख सकी. 1996 में कांग्रेस ने दोबार सीट पर कब्जा जमाया. 1998 में भी कांग्रेस काबिज रही. उसके बाद टीडीपी ने 1999 में फिर से इस सीट पर कब्जा जमाया, लेकिन 2004 में कांग्रेस ने फिर से इसे अपने नाम किया. 2009 में भी कांग्रेस जीती, लेकिन उसे 2014 और 2019 में टीडीपी के उम्मीदवारों से हार का सामना करना पड़ा है.
गुंटूर सीट पर किस पार्टी को कितने मिले थे वोट?
चुनाव आयोग के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में गुंटूर सीट पर वोटरों की संख्या 17 लाख 6 हजार 119 थी. इस सीट पर 79.21 फीसदी वोटिंग हुई थी. टीडीपी के उम्मीदवार जयदेव गाल्ला को 5 लाख 87 हजार 918 वोट मिले थे, जबकि वाईएसआरसीपी के उम्मीदवार मोडुगुला वेणुगोपाल रेड्डी के खाते में 5 लाख 83 हजार 713 वोट गए थे. टीडीपी ने वाईएसआरसीपी के उम्मीदवार को
4 हजार 205 वोटों के मामूली अंतर से हराया था. इस सीट पर बेहद टाइट फाइट हुई थी. इस बार भी दोनों में कड़ी टक्कर है.