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Sunday, October 6, 2024
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Chittoor Lok Sabha Constituency: चित्तूर लोकसभा सीट पर YSRCP का कब्जा, क्या टीडीपी कर पाएगी वापसी? | Chittoor lok sabha Constituency andhra pradesh election 2024 YSRCP tdp congress bjp


Chittoor Lok Sabha Constituency: चित्तूर लोकसभा सीट पर YSRCP का कब्जा, क्या टीडीपी कर पाएगी वापसी?

चित्तूर लोकसभा सीट

आंध्र प्रदेश की चित्तूर लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के बीच है. ये सीट आजादी के बाद कांग्रेस का गढ़ रही है. साल 1984 के लोकसभा चुनाव में टीडीपी ने जीत हासिल की थी. इससे पहले लगातार कांग्रेस जीतती आई. यही नहीं, 1996 के बाद ये सीट टीडीपी की सुरक्षित सीट हो गई थी, जिसमें पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में वाईएसआरसीपी ने सेंध लगा दी और कांग्रेस को तकरीबन खत्म कर दिया. यहां कांग्रेस 9 बार और टीडीपी 7 बार जीती है.

चित्तूर लोकसभा सीट पर पहली बार 1952 में वोटिंग करवाई गई थी. इस निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं और ये सीट चित्तूर व तिरुपति जिलों के अंतर्गत है. इस क्षेत्र में आम, गन्ना, अनाज और मूंगफली का बड़ा मार्केट है. चित्तूर जिला 1947 में आजादी के बाद मद्रास राज्य का हिस्सा हुआ करता था और अर्कोट जिले के नाम से जाना जाता था. इसे 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने गठित किया था. हालांकि मुख्यालय चित्तूर को ही रखा गया था. 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की आबादी 20 लाख 31 हजार 588 है और 77.64 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं, जबकि 22.36 फीसदी शहरी क्षेत्र में रहते हैं.

चित्तूर में होती है खेती और बागवानी

चित्तूर अमरावती से लगभग 478 किलोमीटर दूर है और यहां पहुंचने में 10 घंटे का वक्त लगता है. इस शहर के लिए ट्रेन और आंध्र प्रदेश रोडवेज बस की सेवा उपलब्ध है. वहीं, शहर के अंदर ऑटो के जरिए आसानी से भ्रमण किया जा सकता है. यहां विनायक मंदिर, काइगल वॉटर फॉल्स, वीरंजनेय मंदिर, कौंडिन्य वन्यजीव अभयारण्य है. चित्तूर में खेती और बागवानी होती है और गन्ना, मूंगफली, टमाटर, आम, दूध का उत्पादन व मछली पालन किया जाता है.

चित्तूर लोकसभा सीट पर कौन पार्टी कब जीती?

चित्तूर लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव 1952 में हुए और कांग्रेस ने जीत हासिल की. कांग्रेस ने यहां पर अपना दबदबा कायम करते हुए 1957, 1962, 1967, 1971, 1977, 1980 में चुनाव जीते. हालांकि, 1984 में इस सीट पर टीडीपी से उसे हरा दिया, लेकिन उसके बाद 1989 में कांग्रेस ने फिर से जीत हासिल की. इसके बाद 1991 में भी सीट पर अपनी जीत को बरकरार रखा. वहीं, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009, और 2014 में ये सीट टीडीपी के नाम रही. टीडीपी के विजयी रथ को 2019 में वाईएसआरसीपी ने रोक दिया. दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी और इस बार भी नेक-टू-नेक फाइट मानी जा रही है.

चित्तूर सीट पर किस पार्टी को कितने मिले वोट?

चुनाव आयोग के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में चित्तूर सीट पर मतदाताओं की संख्या 15 लाख 66 हजार 499 थी और 84.23 फीसदी वोटिंग हुई थी. वाईएसआरसीपी के उम्मीदवार एन. रेड्डेप्पा को 6 लाख 86 हजार 792 वोट मिले थे, जबकि टीडीपी के उम्मीदवार नरमल्ली शिव प्रसाद 5 लाख 49 हजार 521 वोट हासिल कर सके थे. वाईएसआरसीपी ने टीडीपी को 1 लाख 37 हजार 271 वोटों के एक बड़े अंतर से हराया था. कांग्रेस को सिर्फ 24643 वो मिले, जबकि 10496 वोटों पर सिमट गई थी.



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