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Wednesday, December 4, 2024
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Chaitra Masik Shivratri 2024: कब है चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि? जानें पूजा का विधान और महत्व | Chaitra Masik Shivratri 2024 Kab Hai Puja Vidhi Shubh Muhurat and Mahatva


Chaitra Masik Shivratri 2024: कब है चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि? जानें पूजा का विधान और महत्व

कब है चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा का विधान और महत्व

Chaitra Masik Shivratri 2024: हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत ही अधिक महत्व होता है. जो भी भक्त मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखते हैं और भक्ति भावना के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं. उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही उन्हें मनचाहा फल की भी मिलता है. इसके अलावा जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा मिलता है.

इस साल 2024 में मासिक शिवरात्रि 7 अप्रैल को पड़ रही है. इसी दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूरे विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी. जो शिवभक्त इस दिन का व्रत रखते हैं उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है. मासिक शिवरात्रि वह दिन है जब लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक कार्यक्रम करते हैं. इसके अलावा लोग शिव मंदिर जाते हैं और रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करते हैं.

ऐसी मान्यता है कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात में भगवान शिव और माता पार्वती एक साथ भ्रमण पर निकलते हैं. इसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है. इस दौरान भगवान शिव का रुद्राभिषेक और मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-पाठ करने से भक्तों को धन-ऐश्वर्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है. बता दें कि चैत्र माह में मासिक शिवरात्रि के मौके पर रात में निशिता काल मुहूर्त और रात्रि के चारों प्रहर में उपसाना की जाती है. इससे महादेव की कृपा से भक्तों के जीवन में खुशियों का आगमन होता है.

मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि यानि चतुर्दशी तिथि 7 अप्रैल 2024 को सुबह 06 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 8 अप्रैल 2024 को सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर खत्म होगी.

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

  • मासिक शिवरात्रि के शुभ अवसर पर भक्त प्रात: उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें.
  • घर में पूजा के स्थान पर सफाई करके शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें.
  • इसके बाद उनका पंचामृत से स्नान कराएं और महादेव को सफेद चंदन का तिलक लगाएं.
  • पूजा के दौरान देवी पार्वती को कुमकुम का तिलक लगाएं और पूजा के लिए गाय के घी का दीपक जलाएं.
  • भगवान शिव और माता पार्वती को सफेद फूलों की माला अर्पित करें और बेलपत्र पूजा में अवश्य शामिल करें.
  • मासिक शिवरात्रि पर शिव तांडव स्तोत्र, शिव चालीसा का पाठ करें और आरती से पूजा का समापन करें.
  • भगवान से पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे और अगले दिन सुबह शिव प्रसाद से अपना व्रत खोलें.

मासिक शिवरात्रि का क्या है महत्व

हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत-उपवास रखने से सभी के मन की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. साथ जीवन में आने वाली सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है. जो लोग मासिक शिवरात्रि के दिन सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करते हैं. उन्हें जल्द ही क्रोध, ईर्ष्या और अभिमान से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही मन में सभी प्रकार की मोह माया से मुक्ति मिल जाती है. इस व्रत के करने से जीवन में हर समय सुख-शांति बनी रहती है. साथ ही बिगड़ा हुआ काम भी बनने लगता है. जो लोग मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें सभी प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिल जाती हैं.



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