ओडिशा देश के पूर्वी क्षेत्र में बसा एक शांत राज्य है और यहां पर राजनीतिक रूप से ज्यादा हलचल भी नहीं होती है. 2 दशक से भी अधिक समय से यहां पर बीजू जनता दल (BJD) सत्ता में बनी हुई है. राज्य में इस बार भी लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के चुनाव कराए जा रहे हैं. ऐसे में यहां पर दोहरी राजनीतिक हलचल दिख रही है. राज्य की बेरहामपुर लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव में बीजू जनता दल को जीत मिली थी. पिछले चुनाव में यहां पर बीजेडी और बीजेपी के बीच मुकाबला हुआ था. इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव भी चुनाव लड़ चुके हैं.
बेरहामपुर लोकसभा सीट को 2 जिलों की विधानसभा सीटों को जोड़कर बनाई गई है. इस संसदीय सीट के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें 2 सीटें (एक अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के लिए) रिजर्व हैं. इन 7 सीटों में से गंजम जिले की 5 सीटों को रखा गया है तो गजपति जिले की 2 सीटें शामिल की गई हैं.
2019 के चुनाव में कैसा रहा परिणाम
बेरहामपुर सीट को 2 जिलों की सीटों को जोड़कर बनाया गया है. गजपति पहले गंजम जिले का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन 2 अक्टूबर 1992 को बंटवारा करते हुए उसे नया जिला बना दिया गया. गजपति जिले का नाम परलाखेमुंडी एस्टेट के राजा और ओडिशा के पहले प्रधानमंत्री कृष्ण चंद्र गजपति नारायण देब के नाम पर रखा गया. इसी तरह ओडिशा के अहम जिलों में शुमार गंजम जिले का कुल क्षेत्रफल 8,206 वर्ग किमी है. गंजम को तीन सब डिवीजन छतरपुर, बेरहामपुर और भंजनगर में बांटा गया है.
2019 के लोकसभा चुनाव में बेरहामपुर लोकसभा सीट के चुनावी परिणाम को देखें तो यहां पर मुख्य मुकाबला बीजेडी और बीजेपी के बीच हुआ था. बीजेडी के चंद्र शेखर साहू को चुनाव में 443,843 वोट मिले थे तो बीजेपी के भारुगु बाक्सीपात्रा के खाते में 3,48,999 वोट आए थे. कांग्रेस की ओर से वी चंद्रशेखर नायडू मैदान में उतरे और 1,42,632 वोट हासिल किए. त्रिकोणीय मुकाबले में चंद्र शेखर साहू ने 94,844 मतों के अंतर से जीत हासिल की. चंद्र शेखर साहू 2014 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे.
बेरहामपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास
तब के चुनाव में बेरहामपुर लोकसभा सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 14,33,671 थी जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 7,26,478 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 7,07,152 थी. इनमें से कुल 9,89,910 (70.1%) वोटर्स ने वोट डाले. चुनाव में NOTA के पक्ष में 14,381 वोट पड़े.
बेरहामपुर लोकसभा सीट के संसदीय इतिहास की बात करें तो इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने भी चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. शुरुआती समय में यहां कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था. हालांकि दौर बदला और उसका रुतबा यहां पर कम हुआ. 1999 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना खाता खोला. हालांकि बीजेपी की इस सीट पर यह पहली और आखिरी जीत साबित हुई. बीजेडी बेरहामपुर लोकसभा सीट पर लगातार 3 जीत के साथ हैट्रिक लगा चुकी है.
बेरहामपुर लोकसभा सीट का नाम कई बार बदला और शुरुआती दौर (1952 और 1957) में इसका नाम घुमसुर हुआ करता था. फिर यह सीट 1967 में छतरपुर सीट हो गई. 1971 के चुनाव से इस सीट का नाम बेरहामपुर लोकसभा सीट हो गया. कांग्रेस के टिकट पर जगन्नाथ राव यहां से लगातार 5 बार चुनाव जीते. जगन्नाथ राव 1967 से लेकर 1984 तक चुनाव जीतते रहे. 1989 और 1991 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी गोपीनाथ प्रजापति को भी चुनाव में जीत मिली.
1996 में यह सीट तब चर्चा में आ गई जब पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव मैदान में उतरे और चुनाव जीत गए. हालांकि उन्होंने तब 2 सीटों से चुनाव लड़ा था. नरसिम्हा राव ने आंध्र प्रदेश के नंदियाल लोकसभा सीट से भी चुनाव जीता था और इसे ही बरकरार रखा और बेरहामपुर सीट छोड़ दी. 2 साल बाद 1998 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जयंती पटनायक को भी जीत मिली. इस तरह से यहां से कांग्रेस 1962 से लेकर 1998 तक अजेय रही.
BJP भी खोल चुकी है अपना खाता
हालांकि 1999 के चुनाव में बीजेपी को इस सीट पर जीत मिली और अपना खाता खोलने में कामयाब रही. बीजेपी की ओर से आनंदी चरण साहू सांसद बनीं. साल 2004 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और चंद्र शेखर साहू सांसद चुने गए. लेकिन 2009 में इस सीट पर बीजू जनता दल का दबदबा बन गया. तब बीजेडी की ओर से सिद्धांत महापात्र चुनाव जीतने में कामयाब रहे. 2014 में भी वही सांसद बने. हालांकि 2019 के चुनाव में कांग्रेस के नेता चंद्र शेखर साहू बीजेडी में चले आए और वह इस टिकट पर मैदान में उतरे. चंद्र शेखर ने आसान मुकाबले में जीत हासिल करते हुए दूसरी बार सांसद बने और बीजेडी की हैट्रिक लगवा दी.
हालांकि 2019 के चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और बीजेडी के बीच ही रहा. बीजेपी और बीजेडी दोनों ने कांग्रेस के दबदबे को खत्म करते हुए यहां पर नए विकल्प बनकर उभरे हैं. 2024 के चुनाव में बीजेपी ने प्रदीप कुमार पाणीग्रही को मैदान में उतारा है तो बीजेडी ने सांसद चंद्र शेखर साहू को फिर से टिकट दिया है.