आरबीआई के 90वें जन्मदिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदीImage Credit source: PTI
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक के 90 साल पूरे होने के मौके पर बोलते हुए कहा कि आरबीआई ने पिछले दस वर्षों में भारत के बैंकिंग सिस्टम और इकोनॉमी में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में बैंकिंग सिस्टम और इकोनॉमी को दुरुस्त करने में जितने भी काम हुए हैं, वो सिर्फ ट्रेलर है. पूरी फिल्म अभी बाकी है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर उन्होंने देश के बैंकिंंग सिस्टम को लेकर और क्या कहा है.
10 साल में बदली बैंकिंग सिस्टम की सूरत
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैलेंसशीट क्राइसिस, बैंकिंग सिस्टम में उथल-पुथल की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब उन्होंने 2014 में आरबीआई के 80वें जन्मदिन में भाग लिया था, तो स्थिति पूरी तरह से अलग थी. भारत का बैंकिंग सेक्टर चुनौतियों और समस्याओं से घिरा हुआ था. फिर चाहे वह एनपीए हो, या फिर सिस्टम की स्थिरता की कमी, हर कोई भविष्य को लेकर डरा हुआ था. स्थिति इतनी खराब थी कि सरकारी बैंकिंग सिस्टम देश की इकोनॉमिक ग्रोथ में कोई सहयोग नहीं कर पा रहा था. लेकिन आरबीआई और सरकार के अथक प्रयासों की वजह से स्थिति काफी बेहतर हो गई है.
Address by Honble Prime Minister, Finance Minister and Governor, RBI on April 01, 2024. https://t.co/Lvf5XroPBg
ये भी पढ़ें
— ReserveBankOfIndia (@RBI) April 1, 2024
उन्होंने कहा कि भारत का बैंकिंग सिस्टम पूरी दुनिया के लिए एक बेहतरीन केस स्टडी बन चुका है. उन्होंने कहा कि जो बैंकिंग सिस्टम चरमराने की कगार पर थी, आज वह मुनाफा कमा रही है और लोन देने में रिकॉर्ड कायम कर रही है. सिर्फ 10 वर्षों में इस तरह का बदलाव आसान नहीं था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमारी नीतियां, इरादे और निर्णय सही थे.पीएम मोदी ने कहा कि अब भविष्य के लिए आरबीआई को अलग तरीके से सोचना होगा. जिसके लिए उन्होंने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को एक्सपर्ट बताया.
पीएम मोदी ने कही ये अहम बातें
- बीते 10 साल में सरकार ने बैंकिंग सिस्टम में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का कैपिटल इंफ्यूजन किया है.
- इस दौरान बैंकिंग सिस्टम से सवा तीन लाख करोड़ के लोन रिजॉल्व हुए हैं.
- 27000 हजार से ज्यादा के एप्लीकेशन जिसमें 9 लाख करोड़ रुपए डिफॉल्ट था, उन्हें रिजॉल्व किया गया.
- 10 साल पहले ग्रॉस एनपीए 11 फीसदी से ज्यादा था वो सितंबर 2023 में 3 फीसदी से भी कम हो गया.
- बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ 15 फीसदी हो चुकी है. जोकि एक रिकॉर्ड लेवल पर है.
- बीते 10 साल में सेंट्रल बैंक, बैंकिंग सिस्टम और आम लोगों को कनेक्ट किया है.
- देश के बैंकिंग सिस्टम में 52 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, इनमें से 55 फीसदी खाते महिलाओं के हैं.
- बैंकिंग सिस्टम से 7 करोड़ से ज्यादा फार्मर, फिशरमैन को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध हुए हैं और उन्हें काफी फायदा हुआ है.
- यूपीआई आज ग्लोबल प्लेटफॉर्म बन चुका है. हर महीने में 1200 करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन हो रहे हैं.