आज के समय में हर कोई फाइनेंशियल फ्री होना चाहता है, खासकर जब वह रिटायर हो रहा हो. अगर आप अभी युवा हैं और रिटारमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं. तो फंड इकठ्ठा करने के अलावा क्रेडिट स्कोर को मेंटेन करने पर भी फोकस बनाना सीखिए. इससे आपको कई सारी सुविधाएं मिलेंगी. आज की स्टोरी में हम उसी पर बात करने वाले हैं.
क्या होती है क्रेडिट स्कोर?
क्रेडिट ब्यूरो 300 से 900 के बीच स्कोर प्रदान करते हैं, 750 से ऊपर कुछ भी बेहतर माना जाता है, 600 से 750 औसत माना जाता है, और 599 से नीचे खराब क्रेडिट रेटिंग का संकेत होता है. क्रेडिट स्कोर बनाए रखने का महत्व रिटायरमेंट के बाद भी बना रहता है, क्योंकि क्रेडिट ब्यूरो साख का आकलन करते समय रिटायरमेंट या उम्र को ध्यान में नहीं रखता है.
अच्छा क्रेडिट स्कोर कैसे मदद करता है?
रिटायरमेंट से पहले लोन के बोझ को कम करना, इनकम सोर्स में विविधता लाना और लोन रीपेमेंट का पालन करना साख को बनाए रखने में महत्वपूर्ण कदम हैं. रिटायरमेंट के बाद एक ठोस क्रेडिट स्कोर कई लाभ देता रहता है, जिसमें आवास या हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति के लिए लोन अप्रुवल की सुविधा से लेकर क्रेडिट कार्ड सुविधाओं का लाभ उठाना और उद्यमशीलता के प्रयासों को आगे बढ़ाना शामिल है.
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इसका यह फायदा होता है कि मान लीजिए आपको अपने घर को रिनोवेट कराना है और पैसों की जरूरत है तो आप बैंक से लोन ले सकते हैं. आप कोई बिजनेस करना चाहते हैं तो भी आप लोन ले सकते हैं. इतना ही नहीं कोई पर्सनल जरूरत है तब भी आप पर्सनल लोन ले सकते हैं. इसीलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि रिटारमेंट के साथ अच्छा क्रेडिट स्कोर का होना बेहद जरूरी होता है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है तो आप आज से उसे सुधार करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दीजिए.