भारतीय रिजर्व बैंक 90 साल का हो गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई 90 साल का हो गया है. सोमवार को इस खास मौके पर मुंबई में आयोजित समारोह में पीएम मोदी शामिल हुए. उनके साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और RBI गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे. आरबीआई का इतिहास दिलचस्प रहा है. यह बैंक कभी म्यांमार के लिए भी करंसी जारी करता था. पाकिस्तान के लिए केंद्रीय बैंक की भूमिका निभाई.
आजादी के बाद RBI पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के तौर पर काम करता था और उस देश के लिए भी करंसी जारी करता था, लेकिन 1 जुलाई 1949 में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान अपने वजूद में आया और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया.
कभी बर्मा (म्यांमार) का सेंट्रल बैंक भारत का RBI
दिलचस्प बात है कि भारतीय रिजर्व बैंक कभी म्यांमार के सेंट्रल बैंक के तौर पर भी काम करता था. 1947 तक यह सिलसिला चलता रहा. हालांकि, 1942 में RBI बर्मा की मुद्रा जारी करने वाली संस्था नहीं रहा. 1947 में बर्मा सरकार के बैंकर के रूप में भी काम करना बंद कर दिया.
भारतीय रिजर्व बैंक में स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी. ये वो दौर था जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था. ब्रिटिश शासन के दौर में रिजर्व बैंक का पहला गवर्नर सर ओसबर्न स्मिथ को बनाया गया.
1926 में दिया गया था सुझाव
भारत में सेंट्रल बैंक बनाने का सुझाव इंडियन करंसी एंड फाइनेंस से जुड़े रॉयल कमीशन ने दिया था. 1926 में दिए गए इस सुझाव का लक्ष्य था कि भारत में करंसी और क्रेडिट को कंट्रोल करने के लिए अलग और पावरफुल संस्था बनाई जाए. उस संस्था से सरकार दूर हो.
1927 में लेजिस्लेटिव असेंबली में इसको लेकर एक विधेयक पेश किया गया. हालांकि, कई वर्गों के बीच सहमति न बनने पर विधेयक को वापस ले लिया गया. 1933 में भारतीय संवैधानिक सुधारों के लिए श्वेत पत्र लाया गया जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक की नींव रखने का सुझाव रखा गया था. इसके बाद फिर से एक नया विधेयक पेश किया गया जिसमें RBI की स्थापना करने का जिक्र था. 1931 में विधेयक पारित हुआ और 1 अप्रैल 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्रीय बैंक के रूप में काम करना शुरू किया.
कोलकाता में बना पहला ऑफिस
आरबीआई का पहला ऑफिस कोलकाता में बना था. सर ओसबर्न स्मिथ को इसका पहला गवर्नर बनाया गया. हालांकि, बाद में इसका ऑफिस मुंबई में शिफ्ट किया गया. समय के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था और फाइनेंस सेक्टर में बदलाव हुए. इसके साथ आरबीआई के काम करने का तरीका भी बदला.
मुदा जारी करना और अर्थव्यवस्था से जुड़ी नीतियां बनाना काम बन गया. RBI केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, वाणिज्यिक बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों के लिए एक बैंकर के रूप में करता है. इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार को रिजर्व रखने का भी काम करता है. यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में भी काम करता है.
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