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Sunday, February 9, 2025
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Uluberia Lok Sabha Seat: उलुबेरिया में लेफ्ट को हराकर TMC ने बनाया अभेद्य किला, क्या BJP भेद पाएगी? | Uluberia Lok Sabha constituency TMC Sajada Ahmad BJP CPM Loksabha Eletion 2024


उलुबेरिया संसदीय सीट पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में स्थित है. “महिषरेखा” के नाम से 1873 में उलुबेरिया उपखंड का गठन से किया गया था, लेकिन 1882 में इसका नाम उलुबेरिया रखा गया. प्रसिद्ध बैपटिस्ट विलियम कैरी ने ब्रिटिश शासन के दौरान उलुबेरिया का कई बार दौरा किया था. सन 1930 के दशक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन का आह्वान किया गया था. उस समय उलुबेरिया के श्यामपुर थाने में आजादी के समर्थकों ने उग्र प्रदर्शन किया था. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने साल 1938 में उलुबेरिया के गोरूर हाट में गए थे और वहां उन्होंने जनता को संबोधित किया था.

उलुबेरिया लोकसभा सीट 1952 में अस्तित्व में आई थी. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 2051790 है. 69.55 फीसदी शहरी और 30.45 फीसदी ग्रामीण आबादी है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति की आबादी का प्रतिशत क्रमश: 19.63 एवं 15 फीसदी के करीब है.

उलुबेरिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र कभी वामपंथियों का गढ़ था, लेकिन साल 2009 से इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है. इस लोकसभा क्षेत्र से संबंधित सात विधानसभा क्षेत्र भी हावड़ा जिले के अधीन है.

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उलुबेरिया की सभी सात विधानसभा सीटों पर टीएमसी का कब्जा

उलुबेरिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत सात निर्वाचन क्षेत्र हैं उलुबेरिया पूर्व, उलुबेरिया उत्तर, उलुबेरिया दक्षिण, श्यामपुर, बगनान, आमता और उदयनारायणपुर. 2021 के विधानसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर तृणमूल उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.

2024 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल साजदा अहमद पर भरोसा कर रही है और फिर से पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है. वहीं, बीजेपी ने अरुण उदय पाल चौधरी को उम्मीदवार बनाया है.

उलुबेरिया में टीएमसी की जीत का सिलसिला बरकरार

2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल ने अपना कब्जा बरकरार रखा था. उन्होंने साजदा अहमद को नामांकित किया था. इस बार सीपीएम की बजाय तृणमूल का मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी से हुआ. साजदा को 6 लाख 94 हजार 945 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार जॉय बनर्जी को 4 लाख 79 हजार 586 वोट मिले. वहीं, सीपीएम उम्मीदवार मकसूदा खातून को 81 हजार 314 वोट मिले. साजदा 2 लाख 15 हजार 359 वोटों से जीतीं.

सुल्तान अहमद के निधन के बाद उनकी पत्नी बनीं सांसद

2017 में जब सुल्तान अहमद का निधन हुआ तो इस सीट पर उपचुनाव हुआ. वहीं इस उपचुनाव में तृणमूल ने दिवंगत सुल्तान अहमद की पत्नी साजदा अहमद को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने उपचुनाव जीता.

2014 के चुनाव में भी तृणमूल ने सुल्तान अहमद को उम्मीदवार बनाया था. इस बार फिर सुल्तान अहमद अपने निकटतम सीपीएम उम्मीदवार को हराकर संसद पहुंचे. 2014 के चुनाव में सुल्तान अहमद को 5 लाख 70 हजार 785 वोट मिले थे. वहीं, उनके निकटतम सीपीएम उम्मीदवार सबीरुद्दीन मोल्ला को 3 लाख 69 हजार 563 वोट मिले. सुल्तान अहमद 2 लाख 1 हजार 222 वोटों से जीते.

लगातार आठ बार सांसद चुने गए थे माकपा के हन्नान मोल्ला

1952 में देश में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उलुबेरिया सीट पर जीत हासिल की. 1971 के बाद से यह निर्वाचन क्षेत्र वामपंथियों का गढ़ बन गया है. 2009 तक उलुबेरिया पर सीपीएम का कब्जा था. 2009 के लोकसभा चुनाव में वामपंथ का गढ़ उलूबेरिया ढह गया. तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार सुल्तान अहमद जीते. उलुबेरिया लोकसभा सीट पर 2009 से तृणमूल का कब्जा है. यह सीट माकपा का गढ़ माना जाता था. साल 1980 से लेकर साल 2004 तक माकपा के हन्नान मोल्ला यहां से लगातार आठ बार सांसद चुने गए थे.



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