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Sunday, October 6, 2024
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PDA के खिलाफ PDM लाए ओवैसी, यूपी में क्या बिगाड़ेंगे अखिलेश यादव का खेल? | Apna Dal Kamerawadi leader Pallavi Patel All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen Asududdin Owaisi alliance PDA vs PDM Akhilesh Yadav


PDA के खिलाफ PDM लाए ओवैसी, यूपी में क्या बिगाड़ेंगे अखिलेश यादव का खेल?

असदुद्दीन ओवैसी

उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असुदुद्दीन ओवैसी ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के पीडीए ( पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के नारे की जगह नया नारा दिया है. ओवैसी ने चुनाव से पहले पीडीएम (पिछड़ा, दलित और मुसलमान) का नारा दिया है. रविवार को अपना दल (कमेरावादी) और एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एक नया गठबंधन बनाने के लिए हाथ मिलाया है.

बता दें कि गठबंधन की घोषणा से पहले अपना दल (के) नेता पल्लवी पटेल ने तीन दिन पहले हैदराबाद में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की थी.

रविवार को लखनऊ में पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन की आधिकारिक घोषणा की गई.
उन्होंने गठबंधन एक नया नारा-पीडीएम (पिछड़ा, दलित और मुसलमान) दिया है, जिसे एसपी के पीडीए (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) से लिया गया है. 23 मार्च को अपना दल (के) ने उत्तर प्रदेश की तीन लोकसभा सीटों- फूलपुर, मिर्ज़ापुर और कौशांबी-से अपने उम्मीदवार वापस ले लिए थे.

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पीडीए के खिलाफ बना पीडीएम

एक बयान में कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि उसने अगली सूचना तक लोकसभा चुनाव के लिए घोषित उम्मीदवारों की सूची रद्द कर दी है. इससे पहले पार्टी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी.

अपना दल (के) ने 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन में लड़ा था, जिसमें पटेल एसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही थी.

पल्लवी पटेल ने सपा पर लगाया यह आरोप

पल्लवी पटेल का अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि PDA में A को लेकर कनफ्यूजन था, कभी वो अल्पसंख्यक, कभी अगड़ा हो गया तो कभी ऑल हो गया. इस कफ्यूजन को दूर करने के लिये हमने M जोड़ा है. PDM का मतलब पिछड़ा-दलित-मुसलमान है.

सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद पल्लवी पटेल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा था और कहा था कि 2017 में सपा के 47 विधायक जीते थे. ”साल 2022 में ओम प्रकाश राजभर जी, संजय चौहान, केशव देव मौर्य, जयंत चौधरी, राजमाता कृष्णा पटेल आए। फिर आप 47 से 111 पर पहुंच गए और आपको 34 फीसदी वोट मिले. आपको अचानक लगने लगा कि ये 34 फीसदी अकेले आपके वोट हैं और आपको किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है.”



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