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Wednesday, December 4, 2024
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Nandyal Lok Sabha Constituency: नंदयाल में YSRCP ने रोका कांग्रेस का विजय रथ, इस बार किसके सिर सजेगा ताज? | Nandyal Lok Sabha Seat Elections 2024 Neelam Sanjiva Reddy wins YSRCP MP Andhra Pradesh Congress


Nandyal Lok Sabha Constituency: नंदयाल में YSRCP ने रोका कांग्रेस का विजय रथ, इस बार किसके सिर सजेगा ताज?

नंदयाल लोकसभा सीट

विधानसभा की सात सीटों को मिलाकर बनी आंध्र प्रदेश की नंदयाल लोकसभा सीट शुरू से हाई प्रोफाइल सीट रही है. इस सीट से जीतकर पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी संसद पहुंच चुके हैं. राष्ट्रपति बनने से ठीक पहले तक वह संसद में इस सीट का प्रतिनिधित्व करते थे. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव भी यहां से दो बार सांसद चुने गए थे. कांग्रेस के दबदबे वाली इस लोकसभा सीट का गठन आजादी के समय हुआ और यहां पहली बार चुनाव 1952 में हुआ था.

इस लोकसभा क्षेत्र में आंध्र प्रदेश की सात विधानसभा सीटें अल्लागड्डा, श्रीशैलम, नंदीकोटकुर, पन्याम, नंदयाल, बनगनपल्ले और धोने आती हैं. शुरू से ही इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को बहुमत मिलता रहा है, हालांकि एक बार यहां से जनता पार्टी के उम्मीदवार ने भी जीत हासिल की है. मंदिरों से घिरा नंदयाल शहर आंध्र प्रदेश का एक जिला है. इस शहर में मुख्य रूप से नौ मंदिर हैं. इन मंदिरों को नव नंदी के नाम से जाना जाता है. नंदयाल के पास श्री यागंती उमा महेश्वर मंदिर भी है.

13वां सबसे बड़ी आबादी वाला जिला

कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित नंदी की मूर्ति दुनिया की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के दावों को मानें तो यह मूर्ति प्रति 20 वर्षों में 1 इंच बड़ी हो जाती है. नंदयाल जिले में बेलम गुफाएं, महानंदी और श्रीशैलम भी शामिल हैं. साल 2011 में भारत सरकार द्वारा कराई गई जनगणना के मुताबिक इस जिले की कुल आबादी 2 लाख 11 हजार 424 है. यह राज्य का 13वां सबसे अधिक आबादी वाला जिला है. इस जिले की बड़ी आबादी गांवों में रहती है.

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खेती किसानी मुख्य व्यवसाय

नंदयाल जिले में रहने वाले लोगों के लिए मुख्य व्यवसाय कृषि है. हालांकि यहां कई सारे और भी उद्योग धंधे संचालित हो रहे हैं. यहां संगमरमर के बड़े पहाड़ हैं. इसके अलावा यहां चावल मिल, तेल मिल और कपास की मिलें ढेर सारी हैं. इसके अलावा इस शहर में स्थापित कुछ प्रसिद्ध उद्योगों में विजया डेयरी, नंदी डेयरी, नंदी पाइप्स, नंदी पॉलिमर, एसपीवाई, एग्रो, नंदी स्टील्स आदि शामिल हैं. इन उद्योगों में स्थानीय लोगों को तो रोजगार मिला ही है, बड़ी संख्या में दूसरे जिलों से लोग आकर यहां रोजी रोटी कमा खा रहे हैं.

कैसे पहुंचे?

आंध्र प्रदेश के प्रमुख शहर अमरावती से नंदयाल की दूरी करीब 325 किलोमीटर है. सड़क और रेलमार्ग से यहां आने में करीब साढ़े 6 से नौ घंटे तक का समय लगता है. यह शहर रेल और सड़क मार्ग से कनेक्टेड है और यहां से देश के प्रमुख शहरों में आने जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन के साधन खूब हैं. इसके अलावा नंदयाल पहुंचने के लिए हवाई मार्ग भी उपलब्ध है. यहां से निकटतम हवाई अड्डा कुरनूल है, जिसकी नंदयाल से दूरी करीब 50 किमी है.

कौन-कब जीता?

आजादी के बाद देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव के दौरान एक सीट नंदयाल भी थी. इस सीट पर 1952 में पहली बार वोटिंग हुई थी और यह सीट कांग्रेस की झोली में गई थी. इसके बाद 1957, 1962, 1967, 1971 में भी इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. हालांकि 1977 के लोकसभा चुनावों में इस सीट पर जनता पार्टी के उम्मीदवार जीत गए. फिर 1977 में कांग्रेस पार्टी जीती और 1980 के चुनाव में भी अपनी जीत को कायम रखा. 1984 में इस लोकसभा सीट पर टीडीपी तो 1989, 1991, 1991, 1996 में फिर से कांग्रेस ने यहां अपना झंडा फहराया.

कांग्रेस और वाईएसआरसीपी में टक्कर

1998 और 1999 के चुनाव में यहां टीडीपी ने वापसी तो की, लेकिन 2004 में फिर से यह सीट कांग्रेस की झोली में चली गई और 2009 तथा 2014 के चुनाव में भी कांग्रेस के प्रत्याशी यहां से जीते. हालांकि 2019 के चुनावों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर दौड़ रहे कांग्रेस के विजय रथ को कड़े संघर्ष के बाद रोक लिया. 2024 के लोकसभा चुनावों में भी मुख्य मुकाबला कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के ही बीच होने की संभावना है. दोनों पार्टियां इस सीट पर पूरी ताकत के साथ ताल ठोंक चुकी हैं. हालांकि कौन किसपर भारी पड़ेगा, इसका फैसला तो 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद ही हो सकेगा.



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