कोल्लम लोकसभा सीट
भारत के सबसे पुराने बंदरगाह शहरों में से एक के रूप में, कोल्लम का बेहद ही प्रभावशाली इतिहास रहा है जिसनें इसको पहचान दी है. कोल्लम में सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक अष्टमुडी झील है, जो हरे-भरे द्वीपों के साथ शांत पानी का एक विशाल विस्तार है. यह सुरम्य झील, जिसे अक्सर केरल के बैकवाटर का प्रवेश द्वार कहा जाता है, हाउसबोट क्रूज़ के लिए सबसे प्रसिद्ध स्थान माना जाता है.
कोल्लम एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में भी जाना जाता है. ब्रिटिश काल का तांगासेरी लाइटहाउस, कोल्लम की समुद्री विरासत का प्रतीक है. शहर के सुरम्य तटों पर प्रत्येक साल आयोजित होने वाला कोल्लम बीच महोत्सव यहां की सांस्कृतिक विरासत और कलात्मक प्रतिभाओं को प्रदर्शित करता है.
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी का दबदबा
केरल की कुल 20 सीटों में से एक कोल्लम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र ही है जहां पिछले दो आम चुनाव में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) ने अपना दबदबा बना कर रखा है. 2019 आम चुनाव में RSP के एन.के. प्रेमचंद्रन 1,48,856 वोटों के अंतर से इस सीट से जीते थे. उन्हें कुल 4,99,677 वोट मिले थे. वहीं, CPI(M) के के.एन.बालागोपाल जिन्हें 3,50,281 मिले थे वह दूसरे स्थान पर रहे थे.
93.83% लिटरेसी रेट
कोल्लम लोकसभा सीट अनारक्षित है और दक्षिण भारत के केरल राज्य में स्थित है. इस निर्वाचन क्षेत्र में पुनालुर, चथन्नूर, कुंडारा, कोल्लम, एराविपुरम, चवारा और चदामंगलम विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में, कोल्लम निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता मतदान 74.36% बताया गया था.
इस निर्वाचन क्षेत्र की लिटरेसी रेट 93.83% है, जो बेहद ही अच्छी मानी जाती है. 2014 तक कुल 12,19,415 मतदाता थे, जिनमें से 5,75,296 पुरुष और 6,44,119 महिलाएं थीं. कोल्लम लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास बेहद खास है. 2014 के आम चुनाव में, आरएसपी के एन.के. प्रेमचंद्रन विजयी हुए, उन्होंने कुल 8,79,057 वोटों में से 4,08,528 वोट हासिल किए थे. कोल्लम लोकसभा क्षेत्र में पिछले चुनावों में अलग-अलग परिणाम देखने को मिले हैं. 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, जो इस क्षेत्र की ऐतिहासिक राजनीतिक विविधता को दर्शाता है.