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Saturday, September 7, 2024
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Howrah Lok Sabha Seat: हावड़ा में TMC लगा चुकी है हैट्रिक, क्या BJP भेद पाएगी किला? | Howrah Lok Sabha constituency BJP Rathin Chakraborty TMC Prasun Banerjee CPM Sabyasachi Chatterjee Poll 2024


पश्चिम बंगाल के महत्वपूर्ण शहरों में हावड़ा की गणना होती है. हावड़ा ब्रिज की ख्याति पूरी दुनिया में है. हावड़ा को कोलकाता से हुगली नदी पर बना ब्रिज जोड़ता है. हावड़ा में रेलवे का बड़ा स्टेशन है. यह पूरे देश को रेल लाइन से जोड़ता है. अब हावड़ा और कोलकाता के एस्प्लानेड के बीच मेट्रो सेवा भी शुरू हुई. हुगली नदी के नीचे बने टनल से यह मेट्रो गुजरती है. यह पहला मेट्रो टनल है, जो नदी के नीचे से गुजरती है.हावड़ा में पूर्वी भारत का प्रसिद्ध कपड़ा बाजार मंगलाहाट लगता है, इसमें पूर्वी भारत विशेषकर झारखंड, बिहार और उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों के व्यापारी रेडीमेड्स गार्मेंट्स खरीदारी करते हैं. हावड़ा स्थित शिवपुर इंजीनियरिंग कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में प्रमुख संस्थान है.

भुर्शुट के महान बंगाली साम्राज्य की हजारों साल की विरासत यहां है. प्लासी की लड़ाई का देश के इतिहास में काफी महत्वपूर्ण स्थान रहा है. बंगाल के नवाब सिराज-उल-दौला की पराजय के बाद हावड़ा पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना नियंत्रण हासिल कर लिया था और अंग्रेजों ने बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथ इसे लेकर समझौता किया था.

हावड़ा सीट का सामाजिक ताना-बाना

हावड़ा संसदीय सीट कोलकाता के पड़ोसी जिले हावड़ा जिले में एक लोकसभा क्षेत्र है. इस लोकसभा क्षेत्र से संबंधित सभी 7 विधानसभा क्षेत्र हावड़ा जिले में हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में 25 फीसदी से ज्यादा गैर-बंगाली मतदाता हैं. 1952 से 1998 तक इस लोकसभा क्षेत्र पर कभी कांग्रेस का कब्जा रहा तो कभी वामपंथियों का. साल 1998 में पहली बार यहां तृणमूल उम्मीदवार को जीत मिली थी. एक साल के अंदर सीपीएम ने दोबारा सीट हासिल कर ली. हालांकि, 2009 से इस सीट पर बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल का कब्जा है. यहां के मौजूदा सांसद प्रसून बनर्जी हैं.

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हावड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र हैं – बाली, हावड़ा उत्तर, हावड़ा उत्तर, शिवपुर, हावड़ा दक्षिण, सांकराइल और पांचला. विधानसभा चुनाव 2021 में सभी सात सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की.

हावड़ा ने टीएमसी ने लगाई है हैट्रिक

तृणमूल ने 2024 में इस सीट से निवर्तमान सांसद प्रसून बनर्जी को उम्मीदवार बनाया है. सीपीएम ने सब्यसाची चटर्जी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, रथिन चक्रवर्ती बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. प्रसून को टिकट देने के विरोध में ममता बनर्जी के भाई स्वपन बनर्जी भी शामिल हो गये. उनसे नाराज होकर ममता ने कहा कि उनका अपने भाई से कोई रिश्ता नहीं है, लेकिन बाद में स्वपन बनर्जी ने अपना सुर नरम कर लिया. अब देखते हैं कि क्या तृणमूल 2009 में जीती सीटें बरकरार रख पाती है या नहीं.

साल 2019 में टीएमसी ने जीत का रखा बरकरार

2019 के लोकसभा चुनाव में प्रसून बनर्जी को भी तृणमूल ने उम्मीदवार बनाया था. रंतिदेव सेनगुप्ता ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. 1999 के चुनाव में इस केंद्र पर मुख्य रूप से तृणमूल और भाजपा के बीच मुकाबला हुआ था. तृणमूल उम्मीदवार प्रसून को 5 लाख 76 हजार 711 वोट मिले. वहीं बीजेपी प्रत्याशी रंतिदेव को 4 लाख 73 हजार 16 वोट मिले. प्रसून बनर्जी 1 लाख 3 हजार 695 वोटों से जीते. 2019 के चुनाव में इस केंद्र पर 12 लाख 22 हजार 708 वोट पड़े थे.

हावड़ा में 2009 से लगातार जीत रही है टीएमसी

2009 के लोकसभा चुनाव में अंबिका बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर यह सीट जीती थी. उनके निधन के कारण 2013 में इस केंद्र पर उपचुनाव हुआ. पूर्व फुटबॉलर प्रसून बनर्जी तृणमूल कांग्रेस से उम्मीदवार हुए वह चुनाव जीत गये.

2014 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बनाया. श्रीदीप भट्टाचार्य ने सीपीएम के टिकट पर चुनाव लड़ा था. वहीं, बीजेपी ने अभिनेता जॉर्ज बेकर को उम्मीदवार बनाया है. तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार करीब 2 लाख वोटों से जीते. विजेता प्रसून बनर्जी को 4 लाख 88 हजार 461 मिले. दूसरे स्थान पर रहे श्रीदीप भट्टाचार्य को 2 लाख 91 हजार 505 वोट मिले. वहीं तीसरे स्थान पर रहे जॉर्ज बेकर को 2 लाख 48 हजार 120 वोट मिले. 11 लाख 25 हजार 728 मतदाताओं ने मतदान किया था.

हावड़ा लोकसभा सीट मूलतः कांग्रेस और माकपा का गढ़ रहा है. माकपा और कांग्रेस के सांसद लंबे समय तक इस संसदीय सीट से निर्वाचित होते रहे थे, लेकिन साल 2009 के बाद टीएमसी ने इस पर अपनी पकड़ ली है.



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