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Wednesday, December 4, 2024
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Eluru Lok Sabha Constituency: एलुरु लोकसभा सीट पर 2009 के बाद नहीं जीती कांग्रेस, YSRCP ने बिगाड़ा खेल | Eluru lok sabha Constituency andhra pradesh election 2024 YSRCP tdp congress bjp


Eluru Lok Sabha Constituency: एलुरु लोकसभा सीट पर 2009 के बाद नहीं जीती कांग्रेस, YSRCP ने बिगाड़ा खेल

एलुरु लोकसभा सीट

लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है. इस बार आंध्र प्रदेश की एलुरु लोकसभा सीट पर युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (YSRCP) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के बीच मुकाबला है. एक समय ऐसा था जब ये सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन अब उसकी उपस्थिति तकरीबन न के बराबर हो गई है. आजादी के बाद पहली बार 1952 में चुनाव हुए थे और सीपीआई ने इस सीट को अपने नाम किया था. सूबे के इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा की सात सीटें हैं, जिसमें उन्गुटुरु, डेंडुलुरु, एलुरु, पोलावरम, चिंतालापुडी, नुज्विद, कैकालूर शामिल हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी पहली बार जीती थी.

एलुरु जिला का गठन साल 2022 में हुआ था और यह इतिहास पश्चिम गोदावरी जिले के साथ साझा करता है. ऐतिहासिक साक्ष्य पेडावेगी और गुंटुपल्ली (जिलाकर्रागुडेम) गांवों में देखे जाते हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक, एलुरु की आबादी 19,37,695 है, जिसमें से 309424 लोग शहर में रहते हैं और बाकी लोग ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले हैं. यहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या अधिक है. लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 1002 महिलाएं हैं और साक्षरता दर 71.44 फीसदी है.

एलुरु जिले का सबसे बड़ा शहर

अमरावती से एलुरु की दूरी 81 किलोमीटर है और यहां पहुंचने में करीब दो घंटे का वक्त लगता है. एलुरु जाने के लिए ट्रेन और आंध्र प्रदेश रोडवेज की सेवा उपलब्ध है. एलुरु जिले का सबसे बड़ा शहर हैं और यहां कई ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल हैं, जिसमें गुंटुपल्ली गुफाएं और धार्मिक स्थलों में द्वारका तिरुमाला भी है. यहां शहर के बीच में 74 फीट ऊंची बुद्ध प्रतिमा भी है, जोकि दर्शनीय स्थलों में शामिल है. शहर में एक प्राचीन संग्रहालय भी तैयार किया जा रहा है. इस संग्रहालय में पुरातात्विक खुदाई में पाए गए उपकरण, मूर्तियों और तत्वों को संरक्षित किया जाएगा.

बताया जाता है कि एलुरु 17वीं शताब्दी गलीचा की बुनाई के लिए फेमस रहा है. ईरानी वंशजों के बुनकरों से शहर के लोगों ने ये हुनर सीखा था, जिसके बाद से पूरे देश में लोकप्रिय हो गया. यहां आरआर पेट, पॉवरपेट, एलुरु 1-टाउन एरिया कमर्शियल सेंटर हैं. शहर के तांगेलामुडी, सनिवरपुपेटा और लक्षवरपुपेटा क्षेत्र ऊन पाइल कारपेट इंडस्ट्री के लिए जाने जाते हैं.

एलुरु लोकसभा सीट पर कौन पार्टी कब जीती?

एलुरु लोकसभा सीट पर 1952 में सीपीआई और 1957 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इसके बाद 1962 में फिर से सीपीआई ने यह सीट अपने नाम कर ली थी. उसके बाद 1967, 1971, 1977, और 1980 में कांग्रेस ने इस सीट पर विजय प्राप्त की थी. इस सीट पर 1984 में टीडीपी ने कांग्रेस को जोर का झटका दिया और पहली बार जीत दर्ज की, लेकिन अगले ही चुनाव 1989 में कांग्रेस ने दोबारा विजय पताका फहराई. टीडीपी ने 1991 और 1996 में दो बार लगातार इस सीट पर विजय हासिल की. फिर 1998 में कांग्रेस लौटी और 1999 में टीडीपी जीतने में कामयाब हो गई. 2004-2009 में कांग्रेस और 2014 में टीडीपी जीती. हालांकि, 2019 में वाईएसआर कांग्रेस ने दोनों पार्टियों के जीत के सिलसिले को तोड़ दिया और सीट पर कब्जा जमाया.

एलुरु सीट पर किस पार्टी को कितने मिले वोट?

चुनाव आयोग के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में एलुरु सीट पर वोटरों की संख्या 15 लाख 94 हजार 950 थी. इस सीट पर 83.26 फीसदी वोटिंग हुई थी. वाईएसआरसीपी के उम्मीदवार कोटागिरी श्रीधर को 6 लाख 76 हजार 809 वोट मिले थे, जबकि टीडीपी उम्मीदवार मगंट्टी वेंकटेश्वर राव बाबू के खाते में 5 लाख 10 हजार 884 वोट गए थे. वाईएसआरसीपी ने टीडीपी को 1 लाख, 65 हजार 925 वोटों के एक बड़े अंतर से हराया था. कांग्रेस को मात्र 20378 वोट मिले थे.



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