कटक ओडिशा के बेहद चर्चित शहरों में गिना जाता है. एक समय कटक प्रदेश की राजधानी हुआ करता था. यह शहर अपनी ऐतिहासिकता और भव्यता के लिए जाना जाता है. यहां पर लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी कराए जा रहे हैं. कटक क्षेत्र में बीजू जनता दल, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस तीनों की स्थिति मजबूत है. हालांकि संसदीय चुनाव में बीजू जनता दल का जीत मिलती रही है और 2019 के चुनाव में भी उसे जीत मिली थी. हालांकि यहां से 6 बार के सांसद भतृहरि महताब बीजेडी छोड़कर अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
कटक जिला ओडिशा के सबसे पुराने जिलों में से एक है. कटक को ओडिशा की व्यापारिक राजधानी के रूप में जाना जाता है. कटक शब्द का नाम संस्कृत शब्द कटक से लिया गया है, जिसके दो अर्थ होते हैं- एक सैन्य शिविर और दूसरा सेना द्वारा संरक्षित सरकार की सीट. शाब्दिक रूप से, इसका अर्थ किला भी होता है, इसे प्राचीन बाराबती किला भी कहा जाता है, जिसके चारों ओर शहर का विकास हुआ. ओडिशा की नई राजधानी भुवनेश्वर किए जाने से पहले यह राज्य की राजधानी हुआ करती थी.
2019 के चुनाव में क्या रहा परिणाम
कटक लोकसभा सीट के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें एक सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. यहां पर बीजेडी और कांग्रेस तीनों को विधानसभा चुनाव में जीत मिली है. 7 सीटों में से 5 सीटों पर बीजेडी तो 2 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली. बीजेपी को यहां पर विधानसभा चुनाव में जीत नहीं मिली हो लेकिन लोकसभा चुनाव में वह बीजेडी को कड़ी चुनौती देती रही है.
2019 के संसदीय चुनाव में कटक लोकसभा सीट पर बीजेडी के भतृहरि महताब ने जीत हासिल की थी. भतृहरि महताब ने 524,592 वोट हासिल किया था जबकि बीजेपी के प्रकाश मिश्रा को 403,391 वोट मिले थे. कांग्रेस के उम्मीदवार के खाते में 99,847 वोट आए थे. भतृहरि महताब ने 121,201 मतों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल की थी.
कटक सीट पर भतृहरि महताब का जलवा
कटक लोकसभा सीट के संसदीय इतिहास को देखा जाए तो 1998 से ही यहां पर बीजेडी का कब्जा है. भतृहरि महताब ने साल 1998 में पहली बार यहां से जीत हासिल की थी और तब से लेकर अब तक यह सीट उनके पास ही बनी हुई है. 1998 के बाद 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें जीत मिली थी.
2014 के चुनाव में कटक सीट पर भतृहरि महताब ने कांग्रेस की अपराजिता मोहंती को 3,06,762 मतों के अंतर से हराया था. जबकि 2019 के चुनाव में भतृहरि के खिलाफ बीजेपी के प्रकाश मिश्रा ने कड़ी चुनौती दी. भतृहरि को इस बार 1,21,201 मतों के अंतर से जीत मिली. 2014 की तुलना में इस बार जीत का आंकड़ा करीब 2 लाख वोट कम हो गया.
चांदी की काम के लिए मशहूर कटक
कटक शहर उत्तर में महानदी नदी और दक्षिण में कथाजोड़ी नदी से घिरा हुआ है. यह जिला 3932 वर्ग किलोमीटर के भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ है और यह राज्य में सबसे अधिक आबादी वाला जिला भी है. यहां की करीब 76 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर करती है. जिले में चावल, दालें, तिलहन, जूट, गन्ना, नारियल और हल्दी यहां उगाई जाने वाली अहम फसलें हैं. यहां हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योगों की अपनी खास परंपरा है. यह जिला चांदी के काम के लिए भी प्रसिद्ध है. साथ ही सींग का काम, पट्टा चित्र, डोकरा कास्टिंग, टेरा कोटा, लकड़ी पर नक्काशी, आर्ट लेदर और मेटल वर्क का काम भी यहां काफी विकसित है.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस, उत्कल गौरव मधुसूदन दास, बीजू पटनायक और प्यारे मोहन आचार्य इस जिले की कुछ चर्चित हस्तियां हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार, जिले की कुल आबादी 26,24,470 है जिसमें 13,52,760 (पुरुष) और 12,71,710 (महिला) शामिल हैं.
6 बार के सांसद भतृहरि महताब अब बीजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. वह बीजेपी के टिकट पर इस बार चुनाव लड़ रहे हैं जबकि बीजेडी ने उनके सामने संत्रप्त मिसरा को खड़ा किया है. अब देखना होगा कि भतृहरि महताब अपनी जीत का सिलसिला बनाए रख पाते हैं या फिर बीजेडी अपनी सीट पर पकड़ बनाए रखने में कामयाब होगी.