चैत्र नवरात्रि
Chaitra Navratri during Kharmas: नवरात्रि माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने का पर्व है. हिंदू धर्म में साल में 4 बार नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें से एक चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है और 17 अप्रैल को दुर्गा नवमी और रामनवमी के साथ यह पर्व पूरा होगा. मान्यता के अनुसार नवरात्रि में शुभ दिन शुरू हो जाते हैं और इन नौ दिनों में किसी भी शुभ एवं मांगलिक कार्य को करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त की जरूरत नहीं पड़ती है. इस बार के नवरात्रि में एक अन्य संयोग भी हैं, जिसके चलते नवरात्रि के शुरू के पांच दिनों तक कुछ कार्य नहीं किए जा सकेंगे. वह है खरमास का संयोग. खरमास की शुरुआत 14 मार्च से हो चुकी है और इसका समापन 13 अप्रैल की रात में होगा.
खरमास में शुभ कार्यों की मनाही
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, खरमास में कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि इन कामों को करने से बाद में मुश्किलें आती हैं और सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते हैं. इस दौरान पूजा-पाठ, जप-तप आदि अधिक किया जाता है. खरमास की वजह से ही 9 अप्रैल से नवरात्रि शुरू के बाद भी 13 अप्रैल तक कोई शुभ कार्य नहीं किया जाएगा. इसके बाद ये सभी शुभ कार्य 14 अप्रैल से शुरू होंगे.
5 दिन तक नहीं कर सकेंगे ये शुभ कार्य
नवरात्रि के शुरू के पांच दिनों में खरमास होने की वजह से कुछ कार्यों पर रोक रहने वाली है. खरमास में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने में बाधा आती है और साथ ही उसका पूरा फल नहीं मिल पाता है. ऐसे में चैत्र नवरात्रि के दौरान इन कार्यों को करने से बचने की कोशिश करें. खरमास में गृह प्रवेश, ब्राह्मणों को छोड़कर सभी 16 संस्कार करने से परहेज करें, वरना बाद में इसके दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं. इस बार चैत्र नवरात्रि के शुरुआत के 5 दिनों में प्लॉट, रत्न आभूषण आदि की खरीदारी करने से बचें, नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके अलावा नया व्यापार शुरू करने से भी बचना चाहिए.
चैत्र नवरात्रि में कर सकेंगे व्रत-पूजा ?
इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है. इन 9 दिनों मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि के ये 9 दिन बेहद शुभ माने जाते हैं. हालांकि, खरमास की वजह इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी, गृह प्रवेश, मुंडन या अन्य कोई मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे. नवरात्रि के व्रत और पूजा करना वर्जित नहीं होता है इसलिए इस दौरान व्रत और पूजा आदि कार्य किया जा सकते हैं.
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