अनकापल्ली लोकसभा सीट
आंध्र प्रदेश की अनकापल्ली लोकसभा सीट पर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) का बोलबाला रहा है. इस सीट पर मतदाताओं ने किसी एक पार्टी का कब्जा नहीं रहने दिया. हालांकि कांग्रेस और टीडीपी के जीत के रथ को युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने रोक दिया है. पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. यहां पहली बार 1962 में लोकसभा चुनाव करवाए गए थे. इस सीट के अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें अनाकापल्ले, पेंडुरथी, चोडावरम, मदुगुला, येलमंचिली, पयाकारोपेट और नरसीपट्टनम शामिल हैं.
अनकापल्ली लोकसभा सीट पर अब कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब हो गई है. अब असल लड़ाई टीडीपी और वाईएसआरसीपी के बीच है. दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे को जमकर टक्कर दे रही हैं. हालांकि कहा जा रहा है कि वाईएसआरसीपी का पलड़ा भारी है. दोनों पार्टियां चुनावी अखाड़े में जमकर पसीना बहा रही हैं. टीडीपी के मुत्तमसेट्टी श्रीनिवास राव ने 2014 के आम चुनाव में सीट जीती थी. 2014 के आम चुनाव में अनाकापल्ली निर्वाचन क्षेत्र में विजेता टीडीपी पार्टी को 5,68,463 वोट मिले थे, उपविजेता वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को 5,20,531 वोट मिले.
कैसा है अनकापल्ली जिला?
आंध्र प्रदेश का अनकापल्ली एक जिला है. इस जिले का गठन 4 अप्रैल 2022 को किया गया था. इसका गठन विशाखापत्तनम के अनकापल्ली और नरसीपट्टनम से काटकर किया गया है. 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की आबादी 17 लाख 26 हजार 998 है. यहां 250,359 लोग शहर में रहते हैं, जबकि अन्य लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं. इस जिले का लिंगानुपात बेहद दिलचस्प है. यहां पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी अधिक है. बताया गया है कि प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में 1020 महिलाएं हैं.
अमरावती से अनकापल्ली की दूरी 338 किलोमीटर है और यहां पहुंचने में करीब 6 घंटे का समय लगता था. यहां पहुंचने के लिए रेल और सड़क यातायात का इस्तेमाल किया जा सकता है. आंध्र प्रदेश की रोडवेज के जरिए आसानी से इस जिले में पहुंचा जा सकता है. इस जिले देश का दूसरा सबसे बड़ा गुड़ बाजार देखने को मिलता है. अनकापल्ली के पास शंकरम गांव है. यहां से कुछ ही दूरी पर दो पहाड़ियां हैं, जोकि बेहद फेमस हैं. पूर्व में मौजूद पहाड़ी को बोजन्नाकोंडा कहा जाता है, जबकि पश्चिम की पहाड़ी को लिंगलाकोंडा कहा जाता है. इस इलाके में जमकर धान की खेती होती है. किसान धान के फसल के सहारे ही अपना जीवन यापन करते हैं.
टीडीपी ने कांग्रेस के गढ़ को ढहाया
अनकापल्ली लोकसभा सीट पर पहली बार 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की. इस सीट पर कांग्रेस ने लगातार पांच दर्ज करते हुए 1984 तक अपना कब्जा बरकरार रखा. इसके बाद कांग्रेस को 1984 में टीडीपी ने जबरदस्त मात दी और पहली पहली बार विजय पताका फहराई. इसके बाद कांग्रेस ने 1989 में वापसी कर ली और 1991 के चुनाव में भी सीट पर कब्जा जमाए रखा. हालांकि 1996 में टीडीपी ने दोबारा कांग्रेस को हरा दिया. दो साल बाद फिर 1998 में चुनाव हुए और कांग्रेस जीती.
2019 के लोकसभा चुनाव में किसे-कितने मिले वोट?
दोनों पार्टियों के बीच बेहद दिलचस्प लड़ाई देखने को मिली है. अनकापल्ली लोकसभा सीट पर टीडीपी ने लगातार दो बार 1999 और 2004 में कांग्रेस को हराया, लेकिन कांग्रेस के झोली में 2009 फिर से सीट आ गई, लेकिन अगले ही चुनाव 2014 में वह टीडीपी से हार गई. इसके बाद 2019 में वाईएसआरसीपी ने सभी को चौंका दिया और उसने जीत दर्ज की. चुनाव आयोग के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में अनकापल्ली सीट पर वोटर्स की संख्या 15 लाख 21 हजार 363 थी. इस सीट पर 81.41 फीसदी वोटिगं हुई थी. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार डॉ. बीसेट्टी वेंकट सत्यवती को 5 लाख 86 हजार 226 वोट मिले थे, जबकि टीडीपी उम्मीदवार अदारी आनंद कुमार की झोली में 4 लाख 97 हजार 34 वोट गए थे. बीसेट्टी वेंकट सत्यवती ने अदारी आनंद कुमार को 89 हजार 192 वोटों के अंतर से हराया. कांग्रेस को सिर्फ 10 हजार 121 वोट मिले थे.